प्रदेश में थर्मल पॉवर जनरेशन में आने वाले खर्च को देखते हुए विंड और सोलर एनर्जी को प्रोत्साहित करने के बाद अब सरकार परमाणु बिजली उत्पादन की ओर अग्रसर हो रही है। इसके लिए दो बड़ी परमाणु परियोजनओं को चालू कराने के लिए कमेटी का गठन किया गया है।
एक दशक से इन परियोजना का काम रुका था, जिसकी दिक्कतों को खत्म कराने के लिए यह हाई लेवल कमेटी बनाई गई है। इनमें से एक परमाणु ऊर्जा परियोजना चुटका में प्रस्तावित है, जहां 1400 मेगावाट क्षमता की परमाणु बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। वहीं, दूसरी परमाणु ऊर्जा परियोजना भीमपुर की है, जिसकी क्षमता 2800 मेगावाट होगी। इन दोनों परियोजनाओं से कुल 4200 मेगावाट एटाॅमिक एनर्जी का जनरेशन किया जा सकेगा। यहां जनरेट होने वाली कुल बिजली का 50 फीसदी एमपी सरकार खरीदेगी।
दोनों ही परियोजनाओं के शुरू करने का काम न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा किया जा रहा है। ये दोनों ही परियोजनाएं परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करने वाली प्रदेश की पहली और दूसरी यूनिट्स होंगी। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा विभाग मनु श्रीवास्तव का कहना है कि इन प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने का काम केंद्र सरकार की एनपीसीआईएल करेगी और इसकी अड़चनों को दूर कराने के लिए कमेटी बनी है। जब परमाणु ऊर्जा उत्पादन शुरू हो जाएगा तो एमपी सरकार यहां जनरेट होने वाली आधी बिजली की खरीदी करेगी।
पांच साल में पूरी हो सकती हैं परियोजनाएं
मंडला जिले के चुटका और भीमपुर में परमाणु ऊर्जा संयंत्र 2029-30 में तैयार हो जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार की बिजली खरीदी के लिए निजी कंपनियों पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है। अभी 33 प्रतिशत बिजली निजी कंपनियों से खरीदी जा रही है।
अभी यह है निजी इकाइयों से बिजली खरीदी का प्रतिशत
- वर्ष 2021 में 34 प्रतिशत
- वर्ष 2022 में 32 प्रतिशत
- वर्ष 2023 में 32.86 प्रतिशत
चुटका प्रोजेक्ट 1200 एकड़ में लगेगा
चुटका परमाणु ऊर्जा परियोजना मंडला जिले के चुटका गांव में तैयार हो रही है। इसके लिए 1200 एकड़ क्षेत्रफल का एरिया चिन्हित किया गया है। परियोजना में 700 मेगावाट क्षमता के दो रिएक्टर निर्मित किए जाएंगे जिनसे कुल 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इसके निर्माण पर 17 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत आएगी।
भीमपुर संयंत्र के लिए 2000 एकड़ जमीन की जरूरत
भीमपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र मप्र के शिवपुरी जिले में निर्माणाधीन है। यह 2 हजार एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में फैला होगा। इस परियोजना में 700 मेगावाट के 4 रिएक्टर निर्मित किए जाएंगे, जिनसे 2800 मेगावाट परमाणु बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना के निर्माण पर 35 हजार करोड़ का व्यय अनुमानित है।
समस्याओं का समाधान करने बनी कमेटी, तीन एसीएस शामिल
मप्र सरकार ने इन दोनों परियोजनाओं के निर्माण में आ रही रुकावटें दूर करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। कमेटी के अन्य सदस्यों में ये अधिकारी शामिल किए गए हैं।
- अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अध्यक्ष
- अपर मुख्य सचिव जल संसाधन सदस्य
- अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग सदस्य
- प्रमुख सचिव राजस्व सदस्य
- संभागायुक्त जबलपुर सदस्य
- कलेक्टर मंडला सदस्य
- संचालक (परियोजना) एनपीसीआईएल सदस्य
- कार्यपालक निदेशक (वाणिज्य) एनपीसीआईएल सदस्य
- परियोजना निदेशक चुटका व भीमपुर एनपीसीआईएल सदस्य
- मुख्य निर्माण अभियंता एवं इकाई प्रमुख चुटका परियोजना एनपीसीआईएल समन्वयक
यह काम करेगी कमेटी
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- शासन द्वारा जो हाई लेवल कमेटी बनाई गई है उसका कार्यकाल दोनों परियोजनाओं का संचालन शुरू होने तक रहेगा।
- समिति प्रस्तावित परियोजनाओं के परिप्रेक्ष्य में भूमि अधिग्रहण का काम कराएगी।
- इसके लिए आवश्यक मुआवजा समिति के देखरेख में होगा।
- इसके साथ ही जरूरत होने पर भूमि खरीदी का काम भी किया जाएगा।