सवालों के घेरे में नगर निगम:गो तस्करी का अंदेशा, क्योंकि जहां गोवंश भेजने का दावा-वहां न बिजली, न पानी

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रविवार-सोमवार की दरमियानी रात साढ़े 11 बजे आदमपुर छावनी स्थित कचरा खंती के गेट पर नगर निगम की गाड़ियों से 40 से अधिक गोवंश बरामद हुए थे। नगर निगम का दावा है कि इन्हें आदमपुर पंचायत की गोशाला में छोड़ा जाना था। जबकि, जो गोशाला बनी है वहां न तो पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली की। गेट भी नहीं लगा है।

ऐसे में गोरक्षकों का आरोप है कि यदि हम लोग सही समय पर नहीं पहुंचते तो इन गोवंश को बेचने की तैयारी थी। जबकि, नगर निगम कमिश्नर का दावा है कि अगर गोशाला तैयार नहीं है तो गोवंश को शहर से दूर जंगल में छोड़ देते। निगम के ऐसे दावों के बीच अब भी यह घटना संदेह के घेरे में है। गोरक्षकों ने तस्करी ​का अंदेशा जताया है।

सुबह पांच बजे तक चला हंगामा… निगम के तीन ट्रक गोवंश भरकर अरवलिया गाेशाला से रात करीब साढ़े दस बजे निकले थे। जो करीब साढ़े ग्यारह बजे आदमपुर कचरा खंती पहुंचे थे। बजरंग दल और जय मां भवानी हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने इन ट्रकों को यहां रोका और निगम के कर्मचारियों की मंशा पर सवाल उठाए।

ये सवाल अब भी… रात में गोवंश के परिवहन पर रोक है। बावजूद इसके देररात परिवहन क्यों किया गया? आदमपुर खंती में इंसीनरेटर है, ऐसे में क्या गोवंश को यहां जिंदा जलाने लाए थे? ऐसे में संबंधितों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने की मांग की और सुबह पांच बजे तक बि​लखिरिया थाने पर डटे रहे। यहां शिकायती आवेदन लेकर जांच की बात कही गई है।

जीवदया गोशाला छोड़े गए गोवंश…

अ​रवलिया से 3 गाड़ियां निकलीं थी, इनमें से 2 ही गाड़ियां कचरा खंती तक पहुंची। इनमें से एक गाड़ी यहां खाली कर दी गई। जबकि, दूसरी गाड़ी को भरा हुआ पकड़ा गया। पुलिस अधिकारियों की ओर से दी गई समझाइश के बाद इन गोवंश को विश्व हिंदू परिषद की ओर से संचालित जीवदया गोशाला में छोड़ा गया।

दरअसल, बारिश के चलते सड़कों पर गोवंश की भरमार हो गई है। ऐसे में आए दिन हादसे हो रहे हैं। ऐसे हालात पूरे प्रदेश में हैं, इसे देखते हुए सरकार की ओर से प्रदेशभर में मुख्य मार्गों से गोवंश को हटाने के लिए 15 दिन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

तर्क और हकीकत

सरपंच बोले- हमें ताे निगम ने कोई सूचना ही नहीं दी…

गोशाला का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। गेट बनने के लिए दिए हैं। बिजली और पानी की भी व्यवस्था नहीं है। फ्लोर का काम भी होना बाकी है। अभी यहां गोवंश रखने की स्थिति ही नहीं है।
-शांतिप्रसाद अहिरवार, सचिव, आदमपुर

गोशाला ​अभी तैयार ही नहीं है, ऐसे में गोवंश कैसे रख सकते है? यहां गोवंश भेजा जा रहा है, इस संबंध में नगर निगम की ओर से इस बारे में किसी तरह की सूचना भी हमें नहीं दी गई थी।
-कृष्णा रावत, सरपंच, आदमपुर पंचायत

रात के अंधेरे में गोवंश को मारने या फिर तस्करी के लिए आदमपुर कचरा खंती लाया गया था। हम लोग सही समय पर पहुंचे और अपनी गोशाला में रखा है। शिकायत की है, पुलिस कार्रवाई कर रही है।
-उपेंद्र शर्मा, जिला संयोजक, बजरंग दल

हमारे कांजी हाउस और गोशाला फुल हैं, ऐसे में आसपास की गोशालाओं में गोवंश छोड़ा जा रहा है। इसी के लिए लेकर गए थे, अगर गोशाला में नहीं लेते तो इनको जंगल में छोड़ देते।
-हरेंद्र नारायण, कमिश्नर, नगर निगम