इंदौर। देश-विदेश में ख्यात खजराना मंदिर में भगवान गणेश को इस साल अखंड भारत के स्वरूप वाली पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती राखी अर्पित की जाएगी। 40 बाय 60 इंच की इस राखी में एक लाख से अधिक मोतियों और अलग-अलग स्टोन का उपयोग किया गया है।
इसमें कैलाश पर्वत और गोमुख गंगा की अद्भुत छटा के साथ ही पारिजात, अशोक, खजूर और नारियल के पेड़ की आकृति उकेरी गई है। साथ ही कल्प वृक्ष और थिरकता हुआ राष्ट्रीय पक्षी मोर के निर्माण में हैदराबादी मोती, अमेरिकन डायमंड, तारे-सितारे ने मनमोहक स्वरूप दिया है।
इंदौर में बना एक दिन में पौधा लगाने का रिकॉर्ड
राखी बनाने वाले शांतू पालरेचा और पुंडरीक पालरेचा बताते हैं कि विश्व में सर्वाधिक एक दिन में पौधा लगाने का रिकॉर्ड इंदौर के नाम है। आज सबसे अधिक पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखकर हमने राखी के विषय का चुनाव किया है।
इस राखी की कल्पना उस वक्त की है, जब हमारे पड़ोसी देश हम में समाहित थे। राखी में चीन, रूस, इराक आदि को चिह्नित किया गया है। करीब दो महीने में इसके अलग-अलग पहलू पर विमर्श किया। फिर मूर्त रूप देने में 15 दिन से ज्यादा का समय लगा है। 20 कारीगरों ने राखी को आकार दिया है।
राखी से जुड़ी खास बात
- 40 बाय 60 इंच की बनाई गई है सबसे बड़ी राखी।
- राखी में एक लाख से ज्यादा मोती और स्टोन लगे हैं।
- 20 कारीगरों ने इसे 15 दिन से ज्यादा समय में बनाया।
- राखी में चीन, रूस, इराक और अन्य देश शामिल हैं।
मनोकामना पूर्ण करने वाले कल्पवृक्ष को स्वर्ण स्वरूप दिया गया है। नग-नगीना, हैदराबादी मोती, अमेरिकन डायमंड इसकी सुंदरता बढ़ा रहे हैं। पर्यावरण में प्रदूषण का जो जहर घुल रहा है, उसे दूर करने के मद्देनजर लोगों में प्रकृति के प्रति प्रेम को बनाए रखने का संदेश राखी के माध्यम से देने का प्रयास किया गया है।