सुप्रीम कोर्ट बोला- NEET-UG में केवल पटना-हजारीबाग सेंटर पर गड़बड़ी

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (2 अगस्त) को कहा है कि NEET-UG परीक्षा में सिस्टमेटिक ब्रीच नहीं हुआ है यानी इस परीक्षा में सिलसिलेवार गड़बड़ियां नहीं मिली हैं। पेपर केवल दो सेंटर पटना और हजारीबाग में लीक हुआ।

कोर्ट ने NTA की मॉनिटरिंग के लिए बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी से कहा है कि वह NEET के लिए SOP तैयार करे। साथ ही साइबर सिक्योरिटी में खामियों की पहचान भी करे। कमेटी से 30 सितंबर तक जवाब मांगा गया है।

केंद्र सरकार ने NTA के पूरे सिस्टम की जांच के लिए 22 जून को ISRO के पूर्व चेयरमैन के राधाकृष्णनन की अगुआई में एक्सपर्ट कमेटी बनाने की घोषणा की थी। कोर्ट ने इस कमेटी से 8 पॉइंट्स पर काम करने को कहा है।

कोर्ट ने कहा- केंद्र सरकार NTA के स्ट्रक्चर में इसी साल सुधार करे
कोर्ट ने कमेटी के सुझावों के आधार पर शिक्षा मंत्रालय NTA की वर्किंग में सुधार के लिए एक महीने में प्रोग्राम तैयार करने को कहा है। 30 सितंबर के बाद अगले दो हफ्तों में शिक्षा मंत्रालय से प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार इसी साल NTA के स्ट्रक्चर की सारी खामियों का निपटारा करे।

NTA ने आंसर की में बदलाव किया, एक सेंटर पर कंट्रोल रूम की सिक्योरिटी से समझौता होने दिया, एग्जाम सेंटर पर देरी होने से ग्रेस मार्क्स दे दिए जिससे 44 स्टूडेंट्स को 720/720 स्कोर मिला। NTA इस तरह से काम नहीं कर सकती। अगले साल स्टूडेंट्स को परेशानी नहीं आनी चाहिए।

कोर्ट ने आखिरी सुनवाई में कहा था- एग्जाम दोबारा नहीं होगा, पूरी परीक्षा में गड़बड़ी के सबूत नहीं
सुप्रीम कोर्ट में NEET में गड़बड़ियों से जुड़ी 40 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई थीं। इन पर 23 जुलाई सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। हालांकि तब कोर्ट ने कहा था कि NEET परीक्षा दोबारा नहीं होगी, क्योंकि पूरी परीक्षा में गड़बड़ी के पर्याप्‍त सबूत नहीं हैं। जांच में दोषी मिलने वाले को एडमिशन नहीं मिलेगा और उस पर कार्रवाई भी होगी।

NTA ने 25 जुलाई NEET-UG 2024 का रिवाइज्ड रिजल्ट घोषित कर दिया था। इसके बाद ऑल इंडिया रैंक में पहले नंबर पर 17 कैंडिडेट्स रह गए हैं। शुरुआत में इनकी संख्या 67 थी, जबकि ग्रेस मार्क्स हटाने के बाद पहले स्थान पर आने वाले कैंडिडेट्स की संख्या 61 हो गई थी।

NEET केस में 40 से ज्यादा याचिकाएं दायर हुई थीं
सुप्रीम कोर्ट में NEET दे चुके कैंडिडेट्स ने 1 जून से एग्जाम कैंसिल करने, काउंसलिंग पर रोक लगाने, रिजल्ट होल्ड करने और रीएग्जाम कराने की मांग की थी। इसके अलावा ग्रेस मार्क्स के खिलाफ भी याचिकाएं लगाई गई थीं। NEET मामले की जांच CBI-ED को सौंपने और OMR शीट से छेड़छाड़ में NTA की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया था। इन सभी याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई हुई।