भोपाल। मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में मॉल, रेस्टोरेंट, आईटी पार्क, मुख्य बाजार और बिजनेस सेंटर सातों दिन 24 घंटे खोले रखने का मामला अटक गया है। श्रम विभाग के इस प्रस्ताव पर एक राय नहीं बन पा रही है।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रस्ताव से असहमति जताते हुए कहा है कि इससे कानून-व्यवस्था और स्वच्छता प्रभावित होगी। बता दें, श्रम विभाग ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन समेत सभी 16 नगर निगम और औद्योगिक क्षेत्रों में बाजार रात भर खोलकर रखने का प्रस्ताव तैयार करके संबंधित विभागों से अभिमत मांगा था। उल्लेखनीय है कि इंदौर में नाइट मार्केट व व्यवसाय के संचालन पर रोक लगाई जा चुकी है।
मध्य प्रदेश में जिस तरह से व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ रही हैं, उसके अनुरूप शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 24 घंटे माल, रेस्टोरेंट, मुख्य बाजार और बिजनेस सेंटर 24 घंटे खोलकर रखना श्रम विभाग ने प्रस्तावित किया था।
पहले इंदौर और भोपाल में शुरू करने का था प्रस्ताव
पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भोपाल और इंदौर में करना प्रस्तावित किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी नगर निगम क्षेत्रों में इसे लागू करने के लिए कहा है।
इसके बाद श्रम विभाग ने मध्य प्रदेश दुकान स्थापना अधिनियम 1958 के नियम की धारा 6 में संशोधन प्रस्तावित कर विधि विभाग को भेजते हुए नगरीय विकास एवं आवास सहित अन्य विभागों से अभिमत मांगा।
सीएम ही इस मामले में अंतिम निर्णय लेंगे
सूत्रों के अनुसार नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रस्ताव से असहमति जता दी है। अभिमत में कहा गया कि इससे कानून व्यवस्था और स्वच्छता की स्थिति बिगड़ सकती है। विभाग के असहमति जताने के बाद अब यह मामला फिर मुख्यमंत्री तक जाएगा और वे ही इस संबंध में अंतिम निर्णय लेंगे।
बता दें, इंदौर के जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मिलकर एक स्वर में नाइट कल्चर पर रोक लगाने पर सहमति दी थी। इसके बाद वहां 13 सितंबर 2022 को प्रायोगिक तौर पर निरंजनपुर चौराहे से राजीव गांधी चौराहे तक 11.4 किमी हिस्से में बीआरटीएस कॉरिडोर के दोनों ओर 100 मीटर के दायरे में रात में भी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, चाय-नाश्ते की खुली रहने वाली दुकानों पर रोक लगा दी गई। दरअसल, नाइट कल्चर के कारण शहर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही थी और आए दिन विवाद हो रहे थे।
इन शहरों के लिए प्रस्तावित है नई व्यवस्था
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, देवास, रतलाम, सागर, रीवा, सतना, छिंदवाड़ा, कटनी, खंडवा, बुरहानपुर, सिंगरौली और मुरैना नगर निगम के साथ पीथमपुर, मालनपुर, मंडीदीप, पीलूखेड़ी समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्र बाजार 24 घंटे खोलने की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
इसके पीछे श्रम विभाग का तर्क है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना में माल, रेस्टोरेंट, मुख्य बाजार और बिजनेस सेंटर 24 घंटे खुले रहते हैं, ऐसी ही व्यवस्था मध्य प्रदेश में भी लागू होने से रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे और राजस्व भी बढ़ेगा।