पुणे पोर्श केस- नाबालिग के बाद पिता-दादा को भी जमानत:दोनों पर ड्राइवर की किडनैपिंग और घटना की जिम्मेदारी लेने का दबाव डालने का आरोप

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पुणे के चर्चित पोर्श एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी के बाद उसके पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेन्द्र अग्रवाल को भी जमानत मिल गई है। पुणे की कोर्ट ने दोनों को फैमिली ड्राइवर की किडनैपिंग और उस पर घटना की जिम्मेदारी लेने का दबाव बनाने और धमकाने के केस में राहत दी है।

सुरेंद्र अग्रवाल जल्द ही जेल से बाहर आ जाएगा। हालांकि, विशाल अग्रवाल अभी जेल में ही रहेगा। उस पर नाबालिग का ब्लड सैंपल बदलने को लेकर भी केस दर्ज है, जिसमें उसे कोई राहत नहीं मिली है। विशाल अग्रवाल को प्रॉपर्टी से जुड़े धोखाधड़ी के एक केस में भी गिरफ्तार किया गया है। उसकी पत्नी और आरोपी की मां भी जेल में है।

पुणे के कल्याणी नगर इलाके में नाबालिग आरोपी ने 18-19 मई की रात IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पोर्श स्पोर्ट्स कार चला रहा था।

जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी को निबंध लिखने की शर्त पर छोड़ा था
आरोपी को हादसे के बाद हिरासत में लिया गया था, लेकिन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उसे 15 घंटे बाद ही जमानत दे दी थी। जमानत की शर्तों के तहत उसे सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने, ट्रैफिक पुलिस के साथ कुछ दिन काम करने और 7,500 रुपए के दो बेल बॉन्ड भरने को कहा गया था।

हालांकि, लोगों के आक्रोश और पुलिस की मांग पर जमानत आदेश में संशोधन किया गया। 22 मई को जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी को बाल सुधार गृह भेज दिया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग को 25 जून को जमानत दे दी थी। हालांकि, पुणे पुलिस कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी।

हाईकोर्ट ने 3 आधार पर नाबालिग को जमानत दी थी…

1. हाईकोर्ट ने कहा- आरोपी की उम्र 18 साल से कम, उसे ध्यान में रखना जरूरी
आरोपी लड़के की आंटी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में रिहाई की याचिका लगाई थी। इस याचिका में कहा गया था कि लड़के को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।

जस्टिस भारती डांगरे और मंजुशा देशपांडे ने आरोपी को ऑब्जर्वेशन होम भेजने के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के आदेश को रद्द कर दिया था। बेंच ने यह भी नोट किया कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का आदेश अवैध था और बिना जुरिस्डिक्शन के जारी किया गया था। एक्सीडेंट को लेकर रिएक्शन और लोगों के गुस्से के बीच आरोपी नाबालिग की उम्र पर ध्यान नहीं दिया गया। CCL 18 साल से कम उम्र का है, उसकी उम्र को ध्यान में रखना जरूरी है।

2. कोर्ट बोला- नाबालिग आरोपी के साथ बड़े आरोपियों जैसा बर्ताव नहीं कर सकता
कोर्ट ने कहा कि हम कानून और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के उद्देश्य से बंधे हुए हैं और हमें आरोपी के साथ वैसे ही पेश आना होगा, जैसे हम कानून का उल्लंघन करने वाले किसी और बच्चे के साथ पेश आते। फिर चाहे अपराध कितना भी गंभीर क्यों न हो। आरोपी रिहैबिलिटेशन में है, जो कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट मुख्य उद्देश्य है। वह साइकोलॉजिस्ट की सलाह भी ले रहा है और इसे आगे भी जारी रखा जाएगा।

3. कोर्ट ने कहा था- एक्सीडेंट के बाद से आरोपी भी सदमे में है
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि, ये सही है कि इस एक्सीडेंट में दो लोगों की जान गई, लेकिन ये भी सच है कि नाबालिग बच्चा भी सदमे में है। कोर्ट ने पुलिस से भी पूछा था कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने किस नियम के आधार पर अपने बेल ऑर्डर में बदलाव किया था। नाबालिग को जमानत दे दी गई थी, लेकिन अब उसे ऑब्जर्वेशन होम में रखा गया है। क्या ये बंधक बनाने जैसा नहीं है। हम जानना चाहते हैं कि आपने किस ताकत का प्रयोग करके यह कदम उठाया है। हमें लगता था कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड जिम्मेदारी से काम करेगा।

नाबालिग के परिवार पर उसका ब्लड सैंपल बदलवाने का भी आरोप
पुलिस का दावा है कि घटना के पहले नाबालिग आरोपी ने बहुत शराब पी थी। इसकी पुष्टि बार में लगे CCTV से हुई थी, लेकिन ब्लड रिपोर्ट एल्कोहॉल निगेटिव आने पर पुलिस को शक हुआ। पुलिस की जांच में पता चला कि नाबालिग के ब्लड सैंपल को ससून अस्पताल में बदला गया था।

आरोपी के ब्लड सैंपल को उसकी मां के सैंपल से बदलने के लिए पिता विशाल अग्रवाल से 50 लाख रुपए की डील हुई थी। ससून अस्पताल के डॉ. तावरे, डॉ. हलनोर और अस्पताल के एक स्टाफ को 27 मई को गिरफ्तार किया गया।

डॉ. हलनोर ने पूछताछ में बताया कि ब्लड सैंपल बदलने के लिए विशाल अग्रवाल और उनके बीच 50 लाख रुपए की डील हुई थी। विशाल अग्रवाल ने डॉ. अजय तावरे से संपर्क किया था। डॉ. तावरे के कहने पर विशाल ने रकम की पहली किस्त के 3 लाख रुपए भी दिए थे।

पिता-दादा सहित अब तक 11 लोगों की गिरफ्तार
पुणे पोर्श कांड में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें नाबालिग के पिता को 21 मई और दादा को 25 मई को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी के ब्लड सैंपल में हेरफेर को लेकर आरोपी की मां, ससून अस्पताल के दो डॉक्टर, एक स्टाफ को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा जिस पब में नाबालिग ने शराब पी थी, उसके मालिक-मैनेजर और स्टाफ सहित 5 लोगों को अरेस्ट किया गया।