तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 47 हो गया है। इनमें से 24 तो एक ही गांव करुणापुरम के थे। 20 जून को सभी मृतकों का एकसाथ अंतिम संस्कार किया गया। चिकित्सा शिक्षा निदेशक जे. संगुमनी के मुताबिक अभी भी 30 की हालत गंभीर बताई गई है।
उधर, शराब कांड के तीन आरोपियों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इन्हें कड्डलोर जेल में रखा गया है। तीनों आरोपी 5 जुलाई तक हिरासत में रहेंगे।
किसी ने बेटा, किसी ने पिता और भाई को खोया
जहरीली शराब के कारण अपने बेटे को खोने वाली एक महिला ने रोते हुए बताया कि बेटे को पेट में बहुत दर्द था। वो ठीक से अपनी आंखें भी नहीं खोल पा रहा था। जब हम उसे अस्पताल लेकर पहुंचे तो शुरुआत में उसे भर्ती भी नहीं किया गया था। कहा गया था कि बेटा नशे में है। बाद में बेटे की जान चली गई। महिला ने आगे कहा कि सरकार को शराब की दुकानें बंद कर देनी चाहिए।
100 से ज्यादा पीड़ितों का कल्लाकुरिची सरकारी मेडिकल कॉलेज के अलावा दूसरे अस्पतालों में इलाज जारी है। सभी को सांस लेने में दिक्कत, कम दिखाई देने और शरीर में तेज दर्द की शिकायत है।
अन्नामलाई ने शाह को लेटर लिखा, CBI जांच की मांग की कर्नाटक BJP के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कल्लाकुरिची की घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिखा। उन्होंने इस मामले की जांच CBI से कराने की मांग की है। वहीं, राज्य सरकार घटना की जांच CID से कराने का आदेश दे चुकी है।
अन्नामलाई ने लेटर में लिखा, ‘मई 2023 में तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के मरक्कनम और चेंगलपट्टू जिले में हुई इसी तरह की घटना में 23 लोगों की जान चली गई थी। पिछले 2 साल में DMK सरकार के अप्रभावी शासन के कारण शराब की वजह से 60 से अधिक लोगों की जान चली गई है।”
इसके साथ ही अन्नामलाई ने राज्य की DMK सरकार पर घटना में शामिल होने का आरोप लगाया। कहा कि DMK के लोगों की स्थानीय शराब विक्रेताओं से मिलीभगत है। पार्टी के लोगों के इशारे पर अवैध शराब बनाई जा रही है और बेची जा रही है।
उन्होंने दावा किया कि शराब बेचने के ठिकाने कोर्ट, पुलिस स्टेशन और अन्य सरकारी कार्यालयों के पास मौजूद है। वहीं, मृतकों के परिजनों का कहना है कि शहर के प्रमुख ठिकानों पर अवैध शराब की बिक्री होती है। तमिलनाडु भाजपा सभी पीड़ित परिवारों को 1 लाख रुपए की आर्थिक मदद करेगी।
अन्नामलाई ने कहा है कि अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस मामले में हमें रिपोर्ट सौंपने का कहा है। अन्नामलाई ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि सीएम को प्रभावित लोगों से मिलना चाहिए और सिर्फ अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन को नहीं भेजना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अपने 2021 के चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि तमिलनाडु में शराब की बिक्री चरणबद्ध तरीके से कम की जाएगी; हालांकि, इसके विपरीत, तमिलनाडु में शराब की बिक्री हर साल 18 से 20 प्रतिशत बढ़ रही है।
CB-CID को सौंपी जांच, DM, SP हटाए गए
राज्य सरकार ने मामले की जांच CB-CID की सौंप दी है। साथ ही कल्लाकुरिची DM श्रवण कुमार जाटवथ का ट्रांसफर किया है, जबकि SP समय सिंह मीना को सस्पेंड किया है। इसके अलावा कल्लकुरिची जिले की निषेध शाखा के पुलिसकर्मियों समेत 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है।
CM स्टालिन ने मंत्री ईवी वेलु और सुब्रमण्यम को प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए कल्लाकुरिची भेजा है। एमएस प्रशांत को जिले का नया कलेक्टर और राजथ चतुर्वेदी को SP नियुक्त किया गया है। सलेम रेंज DIG उमा ने कहा- कल्लाकुरिची में 7 एसपी और 1000 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं। एक हेल्प डेस्क भी बनाई है।
शशिकला ने कहा- अवैध शराब से हुई मौतों की जिम्मेदारी लें स्टालिन
तमिलनाडु की पूर्व CM जयललिता की करीबी सहयोगी वीके शशिकला ने कहा कि राज्य सरकार को मौतों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हर साल मौतें बढ़ रही हैं, कम नहीं हो रही हैं। मुझे नहीं लगता कि सरकार की जानकारी के बिना यह घटना हुई होगी।
उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि दाह संस्कार सरकार करेगी। यह कोरोना महामारी के दिन नहीं हैं जब सरकार दाह संस्कार का ध्यान रखती है। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए और शवों को परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाना चाहिए, ताकि वे ऐसा कर सकें। मैं मुख्यमंत्री से सख्त कार्रवाई करने की मांग करती हूं।
AIADMK महासचिव एडापड्डी के पलानीस्वामी ने कहा कि करीब 200 लोग प्रभावित हैं, 133 का इलाज चल रहा है। एक-एक करके लोग अस्पताल आ रहे हैं। कल्लकुरिची अवैध शराब का केंद्र है। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने भी 22 जून को स्टालिन के नेतृत्व वाली DMK तमिलनाडु सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
AIADMK ने मद्रास उच्च न्यायालय से कल्लाकुरिची कांड पर तत्काल सुनवाई के लिए याचिका लगाई। जस्टिस डी कृष्णकुमार और के कुमारेश बाबू की बेंच 21 जून को इस पर सुनवाई करेगी।
AIADMK का 24 मई को पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर AIADMK 24 मई को स्टेट लेवल प्रोटेस्ट करेगी। पार्टी की मांग है कि स्टालिन शराब कांड की नैतिक जिम्मेदारी लें और CM पद से इस्तीफा दें। पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि करुणापुरम क्षेत्र के लगभग 200 लोगों ने अवैध शराब का सेवन किया था।
जानिए शराब मौत कैसे बनती है…
शराब जहरीली कैसे बन जाती है: दरअसल कच्ची शराब को जब ज्यादा नशीला बनाने के लिए कैमिकल मिलाते हैं तो ये जहरीली हो जाती है। देसी शराब बनाने के लिए पहले गुड़, शीरा से लहान तैयार करते हैं और फिर इस मिट्टी में दबा दिया जाता है। इसे ज्यादा नशीला बनाने के लिए इसमें यूरिया, बेसरमबेल और ऑक्सीटोसिन मिलाते हैं। यही मिलावट मौत का कारण बनती है।
क्यों देसी शराब पीने से हो जाती है मौत: देसी शराब में अमोनियम नाइट्रेट (यूरिया) और ऑक्सीटोसिन मिलाने से मेथेनॉल (मिथाइल एल्कोहल) बन जाता है। यही बाद में मौत का कारण बनता है। मेथेनॉल की अधिकता से शराब टॉक्सिक बन जाती है। इसके बाद मेथेनॉल जब शरीर में मेटाबोलाइज होता है तो वो फार्मेल्डिहाइड बनाता है और बाद में फॉर्मिक एसिड बन जाता है, जो कि जहर है। इसके शरीर में जाते ही ब्रेन और आंख सबसे पहले प्रभावित होती हैं। इसके बाद बॉडी के दूसरे ऑर्गन काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति की मौत हो जाती है।
मेथेनॉल की कितनी मात्रा खतरनाक होती है: 15 से 500 ML तक की मात्रा लेने पर व्यक्ति की मौत हो जाती है। ऑक्सीटोसिन से नपुंसकता और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियों का खतरा रहता है। आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
जहरीली शराब पीने वाले का इलाज क्या है : इसका इलाज भी शराब (ऐथेनॉल) ही है। इसके अलावा फॉमीपीजोल दवा भी कारगर है। मेथेनॉल के जहर का इलाज एथेनॉल है। जहरीली शराब के एंटीडोट के तौर पर टैबलेट भी मिलते हैं, लेकिन भारत में इनकी उपलब्धता कम है। जहरीली शराब पीने वाले व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत होती है। इसके बाद जहर को शरीर से निकालने के लिए मरीज का डायलिसिस भी करना पड़ सकता है। मरीज का सिर्फ सपोर्टिव इलाज ही होता है। जैसे- ऑक्सीटोसिन को ठीक करना और मेथाइल एल्कोहल के लिए एंटीडोट देना। कई बार मरीज के पेट की धुलाई (स्टमक वॉश) भी मददगार हो सकता है, लेकिन यदि उसे भर्ती कराने में देर हो गई है तो इसका कोई फायदा नहीं है।