नई दिल्ली: बजरंग पूनिया को हाल ही में राष्ट्रीय ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए अपना नमूना देने से इनकार करने पर अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया गया है। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) इस मामले में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा उसे ‘अंधेरे में’ रखने का आरोप लगाते हुए विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) से शिकायत करने की योजना बना रहा है। बजरंग को 23 अप्रैल को नाडा ने अस्थायी निलंबन सौंपा था। उन्हें आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचने के लिए सात मई तक अपना जवाब भेजने को कहा गया था।
बिश्केक में एशियाई ओलिंपिक क्वॉलिफायर के लिए पुरुषों की राष्ट्रीय टीम चुनने के लिए ट्रायल 10 मार्च को सोनीपत में आयोजित किया गया था और बजरंग अपना मुकाबला हारने के बाद नमूना दिए बिना ही प्रतियोगिता स्थल से चले गये थे। बजरंग ने अपने निलंबन पर कहा कि उन्होंने कभी भी नाडा अधिकारियों को अपना नमूना देने से इनकार नहीं किया। उन्होंने नाडा पर ‘एक्सपायर हो चुकी किट’ देने का आरोप लगाते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘मेरे बारे में जो डोप टेस्ट के लिए खबर आ रही है उसके लिये मैं स्पष्ट करना चाहता हूं। मैंने कभी भी नाडा अधिकारियों को नमूना देने से इनकार नहीं किया, मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे मुझे जवाब दें कि वे पहले मेरा नमूना लेने के लिए जो ‘एक्सपायर किट’ लाए थे, उस पर उन्होंने क्या कदम उठाए या क्या कार्रवाई की उसका जवाब दे दीजिये और फिर मेरा डोप टेस्ट ले लीजिए।’
उन्होंने कहा, ‘मेरे वकील विदुष सिंघानिया इस पत्र का जवाब समय अनुसार देंगे।’ तोक्यो खेलों के कांस्य पदक विजेता ने एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें उन्होंने नमूना संग्रह के लिए मिली ‘एक्सपायर हो चुकी किट’ को दिखाते हुए अधिकारी से पूछा कि ऐसी किट क्यों लाई गईं। यह वीडियो उस समय का है जब उनके नमूने को इकट्ठा करने वाला एक अधिकारी उनके पास आया था। इस वीडियो में, बजरंग ने कहा कि वह भाग्यशाली है कि उनके पास ऐसी टीम थी जिसने एक्सपायरी तारीख पर ध्यान दिया और अगर ऐसी किट जूनियर पहलवानों तक पहुंची तो उनका क्या होगा?
बजरंग अगर तय समय में अपना जवाब देने में असफल रहते हैं तो वह पेरिस ओलिंपिक क्वॉलिफिकेशन की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। इस बीच डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह ने आश्चर्य व्यक्त किया कि नाडा ने उन्हें बजरंग के निलंबन के बारे में सूचित नहीं किया। संजय ने कहा, ‘यह वास्तव में आश्चर्यजनक है कि नाडा ने बजरंग को निलंबित करते समय हमें सूचित नहीं किया। मैंने 25 अप्रैल को नाडा महानिदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी और उस बैठक में यह मामला नहीं उठाया गया था।’ उन्होंने कहा, ‘वे रहने के स्थान संबंधी शर्तों, लंबी सूची (पेरिस ओलिंपिक के लिए संभावित दावेदार) आदि जैसे मामलों पर हमारे साथ संवाद करते रहते हैं। यहां तक कि हमने हाल ही में हुए फेडरेशन कप के बारे में भी चर्चा की, जहां उन्होंने विजेताओं से नमूने इकट्ठा करने के लिए अधिकारियों को भेजा था।’
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमें बजरंग पूनिया के निलंबन के बारे में नहीं बताया। मैंने आज सुबह नाडा अधिकारियों को फोन किया और उनके पास मेरे प्रश्न का कोई जवाब नहीं था। अब मैं नाडा को पत्र लिखने और वाडा को इस बारे में सूचित करने की योजना बना रहा हूं।’ इससे पहले ऐसी खबरें आयी थी कि विनेश फोगाट ने भी पटियाला में महिलाओं के 50 किग्रा का ट्रायल जीतने के बाद शुरू में अपना नमूना देने से इनकार कर दिया था। संजय ने कहा, ‘हमें किसी ने भी यह नहीं बताया कि ट्रायल (सोनीपत और पटियाला में) के बाद किसके नमूने लिए गए थे और उन नमूनों से क्या निकला। जरा कल्पना करें कि अगर बजरंग फेडरेशन कप में प्रतिस्पर्धा करने आए होते तो हमने उन्हें अनुमति दे दी होती क्योकि हमारे पास कोई जानकारी नहीं थी कि उन्हें निलंबित कर दिया गया है।’
ओलिंपिक के लिए विश्व क्वॉलिफायर्स का आयोजन नौ मई से तुर्किये में होगा। भारतीय पहलवानों के लिए पेरिस खेलों का कोटा हासिल करने का यह आखिरी मौका होगा। भारत की चार महिला पहलवानों ने अब तक ओलिंपिक कोटा हासिल किए है। इसमें विनेश (50 किग्रा) अंतिम पंघाल (53 किग्रा) अंशु मलिक (57 किग्रा) और रितिका हुड्डा (76 किग्रा) का नाम शामिल है।