महाराष्ट्र विधानसभा में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने बहुमत परीक्षण में जीत हासिल कर ली है। अब उसकी दूसरी परीक्षा विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर होनी थी। जिसमें भी उसे जीत मिल गई है क्योंकि विपक्ष ने अपने विधानसभा अध्यक्ष के उम्मीदवार के नाम को वापस ले लिया है। नियम के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान से होता है। मगर माना जा रहा है कि नई सरकार इस बार खुले मतदान का प्रस्ताव रख सकती है। अध्यक्ष के चुनाव के बाद राज्यपाल का अभिभाषण पटल पर रखा जाएगा। कांग्रेस की तरफ से पहले पृथ्वीराज चव्हाण का नाम अध्यक्ष पद के लिए आ रहा था लेकिन शनिवार को विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने नाना पटोले के नाम की घोषणा की। यह फैसला कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली में किया।
विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा निर्विरोध
एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कहा, 'पहले विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए फॉर्म भरा था लेकिन अन्य विधायकों के अनुरोध और विधानसभा की गरिमा को बनाए रखने के लिए उन्होंने अपने उम्मीदवार का नाम वापस लिया। अब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होगा।' बता दें कि कांग्रेस के नाना पटोले को महा विकास अघाड़ी के विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुना गया है।
अनुरोध के बाद वापस लिया नाम
महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, 'भाजपा ने कल किसान कठोरे को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए नामित किया था। लेकिन कई बार अनुरोध किए जाने के बाद हमने कथोरे की उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया है।'
सोनिया-पवार की मुलाकात आज
महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व में बनने वाली गठबंधन सरकार को लेकर सबकी नजर दिल्ली में रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बैठक पर टिकी है। बैठक में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की सरकार के भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। इस बीच, नागपुर में पवार ने कहा कि तीन दल मिलकर सरकार बना रहे हैं, इसलिए समय लग सकता है।