द्विपक्षीय बैठक के बाद भारत-जापान ने संयुक्त बयान जारी कर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का संकल्प जताया। भारतीय पक्ष की ओर से बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए। संयुक्त बयान में पाकिस्तान को आतंकवाद पर ठोस कदम उठाने को कहा गया है।
भारत-जापान संयुक्त बयान
- सभी देशों को आतंकवादियों के पनाहगाहों और ठिकानों को जड़ से खत्म करने के लिये दृढ़ कार्रवाई करने की जरूरत है।
- भारत और जापान ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि उनके नियंत्रण वाले किसी क्षेत्र का इस्तेमाल किसी अन्य देश पर आतंकवादी हमले करने के लिए नहीं किया जाए।
- भारत और जापान ने ‘टू प्लस टू’ वार्ता में पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकवादी नेटवर्कों से क्षेत्रीय सुरक्षा को पैदा हो रहे खतरे का जिक्र किया।
- भारत और जापान ने पाकिस्तान से अपील की कि वह आतंकवादी नेटवर्कों के खिलाफ ठोस और स्थायी कदम उठाए और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पूरा पालन करे।
- भारत और जापान ने सभी देशों से अपील की कि वे आतकंवादियों की पनाहगाह नष्ट करने के लिए और उन्हें वित्तीय मदद देने वाले माध्यमों को समाप्त करने लिए ठोस कदम उठाएं।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया। जापान की ओर से विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी और रक्षामंत्री तारो कोनो ने वार्ता में हिस्सा लिया। वार्ता में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी आज सुबह दिल्ली पहुंचे थे।
गौरतलब है कि बीते साल पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 13वें शिखर सम्मेलन के दौरान बीच द्विपक्षीय सुरक्षा व रक्षा सहयोग को मजबूती देने, विशेष सामरिक व वैश्विक भागीदारी में मजबूती लाने के उद्देश्य से नई व्यवस्था शुरू करने का फैसला किया था।