स्वच्छ शहरों की सूची में नंबर वन की श्रेणी में शुमार मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में खुले में टॉयलेट करना एक व्यक्ति को काफी भारी पड़ा. एग्जीक्यूटिव विभाग ने 30 साल के व्यक्ति को खुले में शौच जाने के लिए 100 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. उस व्यक्ति के पास जुर्माने की राशि थी नहीं. अतः उसे पांच घंटे तक सड़क का कचरा साफ करने के काम में लगा दिया गया. कड़ी धूप में उस व्यक्ति ने पूरे मेहनत के साथ लगकर सड़क को साफ किया तब जाकर उसे कहीं मुक्ति मिल पाई.
इस सिलसिले में इंदौर नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी विवेक गंगराड़े ने न्यूज़ एजेंसी भाषा को जानकारी दी कि बृहस्पतिवार सुबह में जिस वक्त ये वाक्या हुआ उस समय शहरी निकाय की टीम सफाई का निरीक्षण करने पोलोग्राउंड औद्योगिक क्षेत्र पहुंची थी. तभी टीम की नजर खुले में टॉयलेट करते एक व्यक्ति पर पड़ी. उसे वहीं पर गिरफ्तार कर लिया गया.
उन्होंने बताया कि टीम ने जिस व्यक्ति को पकड़ा था वो दिहाड़ी पर काम करने वाला मजदूर था. उसके पास जुर्माने की राशि नहीं थी. मजदूर ने अपनी गलती की माफ़ी मांगते हुए टीम से कहा कि वो इंदौर से बाहर से आया है. ऐसे में उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि जो जुर्माने की राशि अदा कर पाए.
उन्होंने बताया कि इसलिए उस मजदूर को सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक आईएमसी की उस गाड़ी में काम में लगा दिया गया जो सड़क किनारे लगे कचरे के छोटे डिब्बे से कचरा उठाने का काम करती है. उस व्यक्ति ने पूरी मेहनत के साथ साफाई व्यवस्था को ठीक करने में टीम की मदद की.