भोपाल: मध्यप्रदेश के उन स्कूलों के शिक्षकों, जिन्होंने लगातार तीन वर्षों में सबसे खराब प्रदर्शन दर्ज किया है और दो योग्यता परीक्षाओं में विफल हुए हैं, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (compulsory retirement) दे दी जाएगी. यह घोषणा राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बुधवार को की.
प्रभुराम चौधरी ने कहा कि लगातार तीन वर्षों तक खराब परिणाम दर्ज करने वाले उन स्कूलों के शिक्षकों को हाल ही में एक प्रशिक्षण दिया गया था, जिसके बाद वे योग्यता परीक्षा में उपस्थित हुए, लेकिन उनमें से कई असफल रहे. पहले टेस्ट में फेल होने के बाद, इन शिक्षकों को फिर से प्रशिक्षण दिया गया और परीक्षा में बैठने का अवसर दिया गया. जो लोग दोनों परीक्षणों में असफल रहे हैं, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इसे लेकर नोटिस भेजा जाएगा और ऐसे शिक्षकोंं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी.
शिक्षा के स्तर में सुधार करने के लिये अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य सरकार, नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की किताबें लागू करेगी. चौधरी ने कहा कि सभी सरकारी स्कूलों में अगले सत्र से NCERT किताबें उपयोग में लाई जाएंगी. क्योंकि राज्य बोर्ड और CBSE के बीच पाठ्यक्रम में अंतर होने के कारण राज्य के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं को क्रैक करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि मध्यप्रदेश में कुल 1,57,813 स्कूल हैं, जिसमें सरकारी स्कूलों की संख्या 1,20,249 है और निजी स्कूलों की संख्या 37,564 है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस साल से राज्य के बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 5 और कक्षा 8 के लिए बोर्ड परीक्षा फिर से शुरू कर दी है.