रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में हालही में हुए आगजनी की एक बड़ी घटना की जांच सरकार कराने जा रही है. गौरतलब हो कि 13 -14 नवबंर की दरम्यानी रात डगनिया स्थित सीएसईबी मुख्यालय (CSEB) में आग लगने की घटना को सरकार ने संदिग्ध माना है. अब इस मामले की जांच के लिए सरकार ने तीन सदस्यी उच्च स्तरीय कमेटी का गठन (Investigation Team) कर दिया है. गृह विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में गठित कमेटी में अग्निशमन विभाग के डीजी व्हीके सिंह और होल्डिंग कंपनी के संचालक अब्दुल कैशर हक को सदस्य बनाया गया है. सरकार ने घटना की बारिकी से जांच कर एक महीने के अंदर रिपोर्ट (Report) सौंपने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि बिजली मुख्यालय में आगजनी की वजह से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जल कर खाक हो गए थे, जिसे सरकार ने बेहद ही गंभीर माना है.
जल गए थे अहम दस्तावेज
बता दें कि शहर के डंगनिया इलाके में स्थित सीएसईबी (CSEB) के प्रशासनिक भवन में आधी रात आग गई थी. आग बढ़ने के बाद आस-पास के लोगों ने दमकल विभाग (Fire Brigade) को घटना की जानकारी दी गई. काफी मशक्कत करने के बाद बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर पर लगी आग पर काबू पाया गया. शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही थी.
इस मामले की भी होगी जांच
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Former CM Bhupesh Baghel) के कार्यकाल के फैसले की भूपेश सरकार जांच कराने जा रही है. आयुष्मान भारत योजना के तहत दंत रोग के लिए स्वृकित 63.81 करोड़ रुपए की जांच करने का फैसला लिया है. जांच के लिए राज्य सरकार ने प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में पाच सदस्यीय कमेटी का गठन भी कर दिया है. मालूम हो कि पूर्ववर्ती रमन सरकार ने आयुष्मान योजना में दंत रोग को भी शामिल किया था. तात्कालीन समय में दंत रोग को शामिल करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया था. अब इस मामले की जांच सरकार कराने जा रही है.