कोलकाता । क्रिकेट में इन दिनों गुलाबी गेंद की खासी चर्चा है। ईशांत शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय तेज गेंदबाजों को बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में गुलाबी गेंद से शुरू में किसी तरह की स्विंग नहीं मिली जिसके बाद उन्होंने सही लेंथ की पहचान करनी पड़ी। ईशांत ने अपने करियर में दसवीं बार पारी में पांच विकेट लिए जिससे भारत ने बांग्लादेश को पहली पारी में 106 रन पर समेट दिया। ईशांत ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘लाल गेंद की तुलना में यह काफी भिन्न है। शुरू में हमने सही लेंथ से गेंदबाजी की लेकिन हमें किसी तरह की स्विंग नहीं मिली। इसके बाद हमें अहसास हुआ कि किस लेंथ पर हमें गेंद करनी चाहिए। हमने आपस में बात की और गुलाबी गेंद के लिए सही लेंथ हासिल की।’
पिछले एक दशक से भी अधिक समय से भारतीय टीम का हिस्सा रहे इशांत को घरेलू सरजमीं पर पारी में पांच विकेट लेने के लिए 12 साल का इंतजार करना पड़ा। ईशांत ने कहा, ‘मैं अभी अपनी क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं। शुरू में मैं अपने प्रदर्शन, विकेट लेने और बल्लेबाज को परेशानी में डालने को लेकर काफी दबाव में रहता था। अब मैं ज्यादा नहीं सोचता। निश्चित तौर पर अब मेरे पास अनुभव है और मैं परिस्थितियों के अनुसार अपनी लेंथ को लेकर जल्द से जल्द सामंजस्य बिठा लेता हूं।’ यह 31 वर्षीय गेंदबाज 2016 से वनडे टीम का हिस्सा नहीं है जबकि उन्होंने अपना आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय 2013 में खेला था। ईशांत ने कहा, ‘हां इससे कभी कभी बुरा लगता है लेकिन मैं जिंदगी के उस मोड़ पर पहुंच गया हूं जहां मैंने इन चीजों को लेकर चिंता करनी छोड़ दी है। मैं अब 31 साल का हूं और अगर मैं किसी प्रारूप में खेलने को लेकर चिंता करता हूं तो फिर मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाऊंगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं केवल खेलना चाहता हूं, चाहे वह रणजी ट्रोफी हो या भारत की तरफ से। अगर आप खेल का लुत्फ उठाते हो तो आप अच्छा प्रदर्शन भी करोगे। अगर आप छोटी छोटी बातों पर ध्यान देते हो तो कभी सुधार नहीं कर सकते हो।’