फेक न्यूज पर लगाम लगाने की तैयारी में मोदी सरकार

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नई दिल्ली । अमेरिकी लेखक और व्यंगकार मार्क ट्वेन का बहुत मशहूर कोट है,ए लाई केन ट्रेवल हॉफ वे आरुड द वर्ल्ड वील द ट्रू इस पुटिंग ऑन इट शूज’ यानि झूठ की रफ्तार बहुत तेज होती है और जब तक सच अपने जूते पहन रहा होता है तब तक झूठ आधी दुनिया का भ्रमण कर चुका होता है। वर्तमान में सोशल मीडिया और वेब की दुनिया पर भी यहीं लागू होता है। इन प्लेटफार्म पर सच पैदल चलता है और झूठ पंख लगाकर उड़ जाता है। दरअसल बांग्लादेशी मीडिया के एक हिस्से में अयोध्या फैसले पर फर्जी खबर चला दी। जिस पर भारत ने आपत्ति जाहिर कर इस पूरी तरह फर्जी और दुर्भावनापूर्ण बताया है।
बांग्लादेशी मीडिया द्वारा चल रही इस रिपोर्ट को भारत सरकार ने ‘द्वेषपूर्ण' और ‘फर्जी' बताया। जिसमें अयोध्या फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को बधाई दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जान-बूझकर ऐसी फर्जी खबर फैलाने के लिए जिम्मेदार लोगों की निंदा की। सूत्रों के मुताबिक सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया पर फैलाई जाने वाली फर्जी खबरों को लेकर मोदी सरकार एक तथ्य-जांच मॉड्यूल बनाने का निर्णय लिया है, जो सूचना और प्रसारण मंत्रालय के जनसंपर्क शाखा के अंतर्गत काम करेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीएमओ ने सूचना प्रसारण मंत्रालय को फर्जी खबरों से निपटने के लिए एक फॉर्मल मैकन्जिम तलाशने के निर्देश दिए हैं। सरकार का फैक्ट चेक मॉड्यूल जिस शुरू में सूचना सेवा अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाएगा। यह मॉड्यूल खोज, आकलन, क्रिएट और टारगेट जैसे चार सिद्धांतों पर काम करेगा। जिसमें स्रोतों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सोशल मीडिया पोस्ट की 24 घंटे निगरानी की जाएगी। सूत्रों के अनुसार सूचना अधिकारियों की टीम को सरकार के पक्ष को बैलेंस तरीके से रखते हुए फेक न्यूज को काउंटर करना है।