भलाई की ओर ले जाता है पुनर्जन्म का दर्शन: जज

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नई दिल्ली । भारतीय दर्शन में पुनर्जन्म और कर्म की जो बात कही गई है, वह लोगों को नैतिकता की ओर ले जाती है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरएफ नरीमन ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए यह बात कही। पुनर्जन्म: दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन शीर्षक से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पुनर्जन्म और कर्म का दर्शन न्यूटन के तीसरे नियम की तरह है। जस्टिस नरीमन ने कहा, पुनर्जन्म का भारतीय दर्शन में नैतिकता की ओर ले जाने का काम करता है। यह बताता है कि आपको हर जीव के प्रति दयालु और सहिष्णु होना चाहिए। यह हमें महान और साहसी लोगों के बारे में बताता है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस दर्शन में कुछ समस्याएं भी हैं। उन्होंने कहा, यह विचार कि यदि आप कुछ गलत करते हैं तो आपको सजा मिलेगी, यह पृथ्वी केंद्रित है। पशुओं और पौधों के लिए कर्म का ऐसा कोई नियम नहीं है। मनुष्य के तौर पैदा होना सबसे अच्छा जीवन है। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल के तीन धर्म हिंदू, जैन और बौद्ध पुनर्जन्म या आत्मा की अमरता की बात करते हैं और कर्म का सिद्धांत हर चीज को स्पष्ट करता है।