उद्धव ठाकरे बन सकते हैं महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री, अजित पवार डिप्टी सीएम: सूत्र

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मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में जारी राजनीति गतिरोध थम सकता है. सूत्रों का कहना है कि शिवसेना सोमवार (12 नवंबर) को सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. माना जा रहा है कि इस सरकार में एनसीपी भी साझेदार बनेगी. वहीं कांग्रेस बाहर से समर्थन कर सकती है. सूत्रों का कहना है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) खुद महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री (Maharashtra Chief Minister) बन सकते हैं. एनसीपी और कांग्रेस के साथ हुई डील में तय हुआ है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) को उप मुख्यमंत्री (Maharashtra Chief Minister) का पद मिल सकता है और जयंत पाटिल को गृहमंत्री का पद दिया जा सकता है. इस सरकार को समर्थन करने के एवज में कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच हुई बातचीत में मंत्रिमंडल का प्रारूप फाइनल हो चुका है.

शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार शाम को कहा कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में अगला मुख्यमंत्री (Maharashtra Chief Minister) शिवसेना का बनेगा, उन्होंने कह दिया मतलब समझिए वही होगा, चाहे वह किसी भी कीमत पर हो.

अगर उद्धव ठाकरे खुद मुख्यमंत्री (Maharashtra Chief Minister) का पद संभालते हैं तो यह पहला मौका होगा जब ठाकरे परिवार का काई सदस्य सरकार में शामिल होंगे. हालांकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ने आदित्य ठाकरे को उतारकर संकेत दे दिया था कि वह अब परिवार की इस परंपरा को तोड़ना चाहते हैं. दरअसल, शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का कहना था कि वह और उनके परिवार से कोई भी सरकार में शामिल नहीं होगा. उनके रहते हमेशा से शिवसेना के दूसरे नेता ही केंद्र या राज्य की सरकार में हिस्सेदार रहे.

राज्यपाल कोश्यारी ने शिवसेना से पूछा- क्या आप सरकार बनाने में सक्षम हैं?
उधर, बीजेपी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सूचित कर दिया है कि वह अकेले सरकार बनाने में असमर्थ हैं. राज्यपाल ने सबसे बड़े दल होने के चलते बीजेपी को सरकार बनाने का पहले न्योता भेजा था. बीजेपी के इनकार के बाद राज्यपाल कोश्यारी ने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे से पूछा है कि क्या वे महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बनाने के लिए सक्षम हैं. अगर शिवसेना सरकार बनाना चाहती है तो वह राजभवन को सूचित करें.

वहीं महाराष्ट्र (Maharashtra) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा है कि वे सभी राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों और नेताओं के साथ बैठक के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. पूर्व सीएम ने बताया कि फिलहाल कांग्रेस ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार गठन को लेकर कुछ भी तय नहीं किया है.

राज्यपाल के न्योते पर बीजेपी की 'ना'
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार को बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन बहुमत नहीं होने के चलते उन्होंने राज्यपाल के न्योते को ठुकरा दिया है. अब राज्य में नंबर दो पार्टी शिवसेना के पास सरकार बनाने के लिए दावेदारी का मौका है. बीजेपी के राज्य ईकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि पार्टी कोर कमेटी की सुबह से व्यस्त बैठकों के बाद शाम को राज्यपाल बी.एस.कोश्यारी को पार्टी के रुख से अवगत करा दिया गया है. पाटिल ने राजभवन के लॉन में मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में कहा, 'अगर शिवसेना, कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सहयोग से सरकार बनाने की स्थिति में है तो हम उन्हें अपनी शुभकामनाएं देते हैं.'

मालूम हो कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा में बीजेपी के पास 105 और करीब दर्जनभर निर्दलीय विधायकों का संख्याबल का समर्थन है. हालांकि ये बहुमत के 145 के आंकडे से दूर है. शुक्रवार को देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा था, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वह जोड़तोड़ की राजनीति करके सरकार नहीं बनाएंगे.

शिवसेना के पास फिलहाल महज 56 विधायक और आधा दर्जन के करीब निर्दलीयों का समर्थन हासिल है. हालांकि शिवसेना का विधानसभा में ये संख्याबल बहुमत से कोसो दूर है. प्रदेश मे बीजेपी 105 और शिवसेना 56 एक साथ आकर सरकार बनाने का आंकड़ा रखते हैं. हालांकि फिलहाल शिवसेना और बीजेपी (BJP) के बीच टकराव की वजह दोनों मिलकर सरकार नहीं बना रहे हैं. एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायकोँ की संख्या प्रदेश में सरकार नहीं बना सकते हैं. अगर, एक दूसरी तस्वीर की संभावना पर राजनीति करवट लेती है तब ये तस्वीर बन सकती है. शिवसेना के 56, एनसीपी के 56 और बाहर से कांग्रेस के 44 विधायकोँ के समर्थन के बल पर नई सरकार गठन का रास्ता बन सकता है.