कार्यपालिक मजिस्टे्रट को वाहन में लाल, नीली और सफेद बत्ती उपयोग करने की मिली अनुमति

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भोपाल,अयोध्या फैसले के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य शासन ने सभी कार्यपालिक मजिस्टे्रट को वाहन में बहुरंगी (लाल, नीली और सफेद) बत्ती लगे वाहन उपयोग करने की अनुमति दे दी है। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी कर दिया है। जिसके तहत काननू व्यवस्था की दृष्टि से सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट पुलिस अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से गश्त करेंगे। इसके लिए 9 से 11 नवंबर तक सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट पेट्रोलिंग के दौरान उपयोग किए जाने वाले वाहन पर बहुरंगी बत्ती लगा सकेंगे।

दरअसल, उज्जैन कमिश्नर अजीत कुमार और रतलाम कलेक्टर कलेक्टर रुचिका चौहान ने वाहन पर बत्ती लगाने का अधिकार मांगा था। बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने शुक्रवार को जब कमिश्नर और कलेक्टरों से कानून व्यवस्था की तैयारी को लेकर समीक्षा की तो रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान ने तहसीलदार (कार्यपालिक मजिस्ट्रेट) के वाहन में बहुरंगी बत्ती नहीं होने की वजह से हो रही परेशानी का मुद्दा उठाया। जिसके बाद शनिवार को शासन ने सभी कमिश्नर और कलेक्टरों को संदेश भेजा कि तीन दिन के लिए सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को वाहनों में बहुरंगी बत्ती लगाने की अनुमति दी गई है। इसके बाद परिवहन विभाग के अवर सचिव आरएन चौहान ने सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के मैदानी दौरे को देते हुए नौ से 11 नवंबर तक वाहन पर पीली (बिकन) बत्ती लगाने की अनुमति के आदेश जारी किए, जिसे बाद में संशोधित कर बहुरंगी बत्ती किया गया। बता दें कि 2017 में केंद्र सरकार ने वीवीआईपी कल्चर समाप्त करने के निर्णय के तहत मोटरयान अधिनियम में संशोधन करके वाहनों पर लाल व पीली बत्ती लगाने के अधिकार बेहद सीमित कर दिए थे। इसके चलते प्रदेश सरकार ने नियमों में संशोधन करके मंत्रियों और अधिकारियों के वाहनों पर लगने वाले लाल व पीली हटाने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने पूर्व में स्वीकृत कलेक्टर एवं संभागायुक्तों के अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए हैं। साथ ही निर्देश जारी किए हैं कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी अधिकारी अपने कार्य दायित्व पर उपस्थित रहें।

पुलिस महानिदेश विजय सिंह ने बताया कि अभी तक प्रदेश में शांति हैं कहीं से कोई गड़बड़ी की सूचना नहीं है। पुलिस अलर्ट पर है। वहीं मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आज पुलिस मुख्यालय पहुँचकर एक उच्च स्तरीय बैठक में मध्यप्रदेश की कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। श्री नाथ ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निरंतर सक्रिय और सजग रहकर काम करें। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वे देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या के मामले में सर्वसम्मति से दिए गए फैसले का सम्मान करें और प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री आज अपने पूर्व निर्धारित मंडला दौरे को स्थगित कर दिल्ली से भोपाल लौटकर मंत्रालय पहुँचे। मुख्यमंत्री शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद पुलिस मुख्यालय स्थित राज्य स्थिति कक्ष (स्टेट सिचुएशन रूम) गए, जहाँ उन्होंने पूरे प्रदेश से आ रही कानून-व्यवस्था संबंधी सूचनाओं को देखा।