आईएसआईएस ने पिछले साल भारत में हमले की साजिश रची थी : अमेरिकी अधिकारी

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अमेरिकी सेना ने खूंखार आतंकी संगठन के सरगना अबु बकर अल-बगदादी को पिछले महीने मार गिराया। हालांकि बगदादी की मौत के बाद दुनिया से इस आतंकी संगठन का खतरा अभी टला नहीं है। यह संगठन दुनियाभर में अपने पांव फैला चुका है। अमेरिका का कहना है कि दुनिया में इस समय आईएसआईएस की 20 शाखाएं मौजूद हैं। चिंता की बात यह है कि इसकी एक शाखा दक्षिण एशिया में भी सक्रिय है। आईएसआईएस के खुरासान समूह उर्फ आईएसआईएस-के ने पिछले साल भारत में आत्मघाती हमले की साजिश रची थी। अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने सांसदों को यह जानकारी दी।राष्ट्रीय आतंकवाद निरोध केंद्र के कार्यवाहक निदेशक, राष्ट्रीय खुफिया विभाग के निदेशक कार्यालय के रसेल ट्रेवर्स ने मंगलवार को कहा कि वास्तव में आईएस की सभी शाखाओं में आईएसआईएस-के (खोरासन) वह संगठन है जो अमेरिका के लिए सबसे अधिक चिंता का विषय है। भारतीय मूल की सांसद मैगी हसन के एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही।

हसन ने कहा, 'आईएस की सभी शाखाओं और नेटवर्क में से आईएसआईएस-के एक ऐसी शाखा है जो सबसे अधिक चिंता का विषय है। इसमें 4,000 लड़ाके हैं। उन्होंने अफगानिस्तान के बाहर हमले करने की कोशिश की। पिछले साल उन्होंने भारत में एक आत्मघाती हमला करने की कोशिश की। जो कि असफल रहा।' मैगी ने हसन से आईएसआईएस-के द्वारा इस क्षेत्र में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की क्षमता के बारे में पूछा था।

हसन ने पिछले महीने अफगानिस्तान और पाकिस्तान की यात्रा की थी। इसी दौरान उन्होंने आईएसआईएस-के के बढ़ते और वास्तविक खतरे के बारे में अमेरिकी सेना की चिंताओं को लेकर पहली बार सुना था। आईएस की यह शाखा अफगानिस्तान में है। उन्होंने कहा, 'मैंने पहली बार सुना कि आईएसआईएस-के ने न केवल अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिकी सेना को धमकी दी बल्कि उसने अमेरिका पर हमला करने की कोशिश की।'

पिछले हफ्ते ट्रेवर्स ने कहा कि आईएस की दुनियाभर में 20 शाखाएं हैं। जिसमें से कुछ परिष्कृत तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। जैसे कि ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल। सांसद हसन ने कहा कि बेशक अमेरिका ने सीरिया और इराक में आईएस पर जीत हासिल की है लेकिन यह आतंकी संगठन उसके लिए बहुत बड़ा खतरा बना हुआ है। ट्रेवर्स का कहना है कि आईएसआईएस-के ने कुछ साल पहले न्यूयॉर्क पर हमला करने की कोशिश की थी लेकिन एफबीआई ने उसे रोक दिया। इसके बाद 2017 में स्टॉकहॉल्म में एक हमला किया गया जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई।