आदित्य ठाकरे को सीएम के तौर पर पेश कर लगाया गया मातोश्री के बाहर पोस्टर

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 नई दिल्ली ,महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नतीजे आए हुए करीब दो हफ्ते होने जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच लगातार गतिरोध बना हुआ है। दोनों ही पार्टियों की तरफ से मुख्यमंत्री को लेकर दावे किए जा रहे हैं।
इस बीच, मुंबई में ठाकरे आवास मातोश्री के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे की तस्वीर के साथ लिखा गया है- मेरा विधायक, मेरा मुख्यमंत्री। यह पोस्टर कथित तौर पर शिवसेना के कॉर्पोरेटर हाजी हलीम खान की तरफ से लगवाया गया है।
 गौरतलब है कि इसके पहले, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष व केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद कहा कि राज्य में सरकार का गठन जल्द होगा। वहीं, शिवसेना के सांसद संजय राउत ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार बनाने में हो रही देरी के लिए उनकी पार्टी जिम्मेदार नहीं है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने सरकार बनाने के लिए पार्टी की तैयारियों और शिवसेना के रुख से शाह को अवगत कराया। दोनों नेताओं ने भाजपा की अगली रणनीति को लेकर भी मंथन किया। माना जा रहा है कि बैठक में शिवसेना को किसी तरह राजी करने और वैकल्पिक फामूर्ले, दोनों पर चर्चा की गई। इसके बाद फडणवीस ने महाराष्ट्र के चुनाव प्रभारी रहे पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव से भी मुलाकात की।
हालांकि, इस मुलाकात के बाद फडणवीस ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को राहत पैकेज का मसला केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष रखा है। उन्होंने राज्य में सरकार के गठन को लेकर भाजपा के अगले कदमों को लेकर कुछ भी कहने से परहेज किया। फडणवीस ने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें विश्वास है सरकार जल्द बनेगी।
वहीं, शिवसेना के सांसद संजय राउत और रामदास कदम ने शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। राउत ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया और कहा कि इस दौरान प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई। राज्यपाल से उनकी करीब एक घंटे तक सकारात्मक बातचीत हुई।
राउत ने कहा कि राज्य में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना कहीं भी रोड़ा नहीं बन रही है। जिसके पास बहुमत होगा वह सरकार बनाएगा। दरअसल, शिवसेना 50-50 के फार्मूले पर अड़ी हुई है, जबकि भाजपा साफ कर चुकी है कि मुख्यमंत्री उसी का होगा।