विविधता में एकता हमारी शक्ति : पीएम मोदी  

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केवड़िया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि विविधता में एकता हमारी पहचान है। विविधता में एकता हमारी शक्ति है। भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकतों में जगह बना रहा है। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के केवड़िया पहुंचे। यहां उन्होंने स्टैचू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम इस मौके पर आयोजित एकता दिवस परेड की सलामी ली और प्रतिभागियों को शपथ दिलाई। पीएम मोदी गुरुवार सुबह 8 बजे के बाद स्टैचू ऑफ यूनिटी पहुंचे। स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि आज भी सरदार पटेल के एक-एक शब्‍द का महत्‍व है। स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी से ऊर्जा और शांति मिलती है। ये प्रतिमा एकता की प्रतीक है। एकता ही वह प्रवाह है जिसमें भारतीयता का प्रवाह है। पीएम मोदी ने कहा कि लगता है सरदार पटेल की प्रतिमा का एक व्यक्तित्व है…सामर्थ्य है…उतनी ही पवित्र है। किसानों के लोहे से अलग-2 मिट्टी से इस प्रतिमा का निर्माण हुआ है। ये प्रतिमा जीवंत है और जीता जागता संदेश है।
उन्‍होंने कहा कि आजादी के बाद भारतीयता की भावना लुप्त नहीं हुई थी इसलिए सरदार पटेल एकता का मंत्र लेकर निकले तो सभी उनकी छत्र छाया में खड़े हो गए। सभी को साथ में लेकर, राजे- रजवाड़े को साथ लेकर एक भारत को साथ लेकर वह चले। चाणक्य के बाद अगर ये काम कोई कर पाया तो सरदार पटेल कर पाए। वरना अंग्रेज तो चाहते थे कि हमारा देश छिन्न-भिन्न हो जाए। पीएम मोदी ने कहा कि आज रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम देश के विभिन्‍न शहरों और गांवों में मनाया जा रहा है। मैं इसमें शामिल होने वाले सभी नागरिकों के प्रति आभार प्रकट करना चाहता हूं। भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है। ये हमारा गौरव और हमारी पहचान है। देश की एकता का पर्व मनाना हमारी सबसे बड़ी ताकत है। आंबेडकर के लिखे संविधान में एकता की ताकत है। देश में अलग-अलग भाषा, बोलियां और खानपान हमारी पहचान हैं।
बता दें कि देश के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार पटेल की आज 144वीं जयंती है। पीएम ने इस मौके पर आयोजित एकता दिवस परेड में शामिल लोगों को एकता की शपथ दिलाई। स्टैचू ऑफ यूनिटी पर एकता दिवस परेड आयोजित की जा रही है। इस परेड में असम, ओडिशा, कर्नाटक और गुजरात की पुलिस फोर्स समेत देशभर के पुलिस जवान हिस्सा ले रहे हैं। परेड में एनएसजी और सीआरपीएफ के जवान भी शामिल हैं।
देश के 11 पुलिस कन्टिनजेन्ट इस मार्च में हिस्सा ले रहे हैं। पीएम ने एकता दिवस परेड का निरीक्षण किया। देशभर की 48 पुलिस  यूनिट के जवान फ्लैग शो में शामिल हुए। इस दौरान सरदार पटेल की प्रतिमा पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए। पीएम ने इस मौके पर मौजूद प्रतिभागियों को एकता की शपथ दिलाई। लोगों ने शपथ लेते हुए कहा, 'मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भरसक प्रयत्न करूंगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूं।'
सरदार पटेल की जयंती को देशभर में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। पीएम केवड़िया में एक टेक्नॉलजी डेमन्स्ट्रेशन साइट का भी उद्घाटन करेंगे। दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर पीएम मोदी टेंट सिटी-1 में आईएएस प्रोबेशनर्स के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी शाम को स्टैचू ऑफ यूनिटी पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। यहां से वह वड़ोदरा के लिए रवाना होंगे। इससे पहले गुरुवार सुबह पीएम मोदी ने सरदार पटेल को नमन करते हुए अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया, 'देश की एकता के सूत्रधार लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन।' 
मालूम हो कि सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नडियाड में हुआ था। 560 से अधिक रियासतों के भारत संघ में विलय का श्रेय देश के पहले गृह मंत्री पटेल को जाता है। पटेल की जयंती पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अपने नवीनतम ‘मन की बात' रेडियो संबोधन में पीएम मोदी ने लोगों से ‘रन फॉर यूनिटी' में बड़ी संख्या में भाग लेने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था, ‘रन फॉर यूनिटी एकता का प्रतीक है जो यह दिखाता है कि देश एक दिशा में 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के लक्ष्य के साथ सामूहिक रूप से आगे बढ़ रहा है। 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम की घोषणा प्रधानमंत्री ने 31 अक्टूबर, 2015 को पटेल की 140 वीं जयंती पर की थी। कार्यक्रम का उद्देश्य देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले, विविध संस्कृतियों के लोगों के बीच आपसी संबंधों को बढ़ाना और उनके बीच बेहतर आपसी समझ को प्रोत्साहित करना है।