संसद सत्र से पहले पीएम मोदी और भाजपा की चुनौती बनेंगी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी

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18 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र आरंभ हो रहा है। इससे ठीक पहले कांग्रेस पार्टी अपनी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में पांच से 15 नवंबर तक देश भर में प्रधानमंत्री मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर हमला बोलेगी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में इस अभियान की कमान संभालेंगी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान भी केंद्र सरकार के लिए जहर बुझे तीर साबित होंगे। पार्टी के एक रणनीतिकार के मुताबिक सोनिया गांधी की शैली में कांग्रेस पार्टी अब जनता की आवाज बनने जा रही है। कांग्रेस पार्टी का यह प्रदर्शन देश भर के जिलों, महानगरों, राज्य मुख्यालयों तथा दिल्ली में होगा। इसमें धरना, प्रदर्शन समेत अन्य राजनीतिक विरोध जताने के तरीके शामिल होंगे। पार्टी के नेता देश में खराब अर्थ व्यवस्था के चलते बैंकों पर पड़ रहे असर, आम लोगों की परेशानी, वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि, किसानों की खराब दशा समेत तमाम मुद्दों को केन्द्र में रखेंगे। 

पहले यह विरोध प्रदर्शन पांच अक्तूबर से 15 अक्टूबर तक होना था, लेकिन राज्य विधानसभा चुनावों के कारण इसे टाल दिया गया था। अब शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी पदाधिकारियों से लंबे विमर्श के बाद इसे पांच नवंबर से करने का निर्णय लिया है।

क्यों चुना पांच नवंबर

हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी को कुछ अच्छा नतीजा आने की उम्मीद है। इसके अलावा 18 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र आरंभ होना है। इससे पहले केंद्र सरकार के ऊपर आर्थिक स्थिति को लेकर बने दबाव को कांग्रेस भुना लेना चाहती है। 

कांग्रेस पार्टी के नेताओं का मानना है कि सरकार देश की अर्थ व्यवस्था के आधारभूत ढांचे को छेड़ तो रही है, लेकिन इसके बुनियादी स्वरुप को विकास की तरफ केंद्रित नहीं कर पा रही है। इसके कारण औद्योगिक उत्पादन, निर्यात, रोजगार सब तरफ गिरावट का रुख है। निराशा जनक माहौल है। इसलिए संसद के सत्र से पहले जनता के बीच में इन मुद्दों को ले जाना विपक्ष की जिम्मेदारी है।