जिले में जल संरचनाओं पर किये गये अतिक्रमण को हटाने के निर्देश 

0
66

इन्दौर । अपर कलेक्टर श्री पवन जैन की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर श्री जैन ने जल संसाधन विभाग के  अधिकारियों से कहा कि जिले में सभी जल संरचनाओं से जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाएं। जिले में इस वर्ष रबी मौसम में जल संसाधन विभाग द्वारा 10 हजार हेक्टेयर सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है। उन्होने कहा कि जिले में आवश्यकता अनुसार दिसंबर के प्रथम सप्ताह में तालाबों से नहरों में सिंचाई के लिये पानी छोड़ा जायेगा।
इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री एस.सी. अग्रवाल ने कहा कि जल संसाधन संभाग के  अंतर्गत माह मई, 2019 तक कुल 87 योजनाओं का निर्माण किया गया है, जिसकी रबी रूपांकित सिंचाई क्षमता 13 हजार 148 हेक्टेयर है। 87 निर्मित योजनाओं में 01 चोरल मध्यम परियोजना है, जिसकी रूपांकित रबी सिंचाई क्षमता 3120 हेक्टेयर है। 58 लघु सिंचाई परियोजनाओं की रबी रूपांकित सिंचाई क्षमता 7120 हेक्टेयर है। 22 स्टॉप डैम, जिसकी रबी रूपांकित सिंचाई क्षमता  1908 हेक्टेयर एवं 06 उद्वहन सिंचाई योजनाएं, जिनकी रबी रूपांकित सिंचाई क्षमता 1 हजार हेक्टेयर है।
मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार महू तहसील के कांकेरपुरा तालाब का हस्तांतरण नगर परिषद महूगांव को 03 मार्च 2016 को कर दिया गया है। इसी प्रकार जिले के देपालपुर  तहसील स्थित 06 उद्वहन सिंचाई योजनाओं को प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल के निर्देशानुसार उद्वहन सिंचाई योजना के विद्युत कनेक्शन विच्छेदित कर योजना को बंद किया जाकर योजना से संबंधित उपकरण विद्युत यांत्रिकी उप संभाग देवास को सौंपे गये है। मालवा क्षेत्र के प्रमुखत: रबी फसल ने ही कृषकों द्वारा पानी लिया जाता है। विगत वर्ष में इन्दौर जिले में निर्मित जल संसाधन विभाग के सभी जलाशयों में 45.35 मिलीयन घन मीटर पानी उपलब्ध था, जिसके ‍विरूद्ध रबी सिंचाई का 9032 हेक्टेयर में सिंचाई करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके अनुसार शत-प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति की गई। वर्ष 2019 में जिले में निर्मित कुल 59 सिंचाई तालाबों में 63.88  मि.घ.मी. उपलब्ध जल भण्डारण 25 सिंतबर 2019 के अनुसार रबी सिंचाई हेतु 10061 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई करने क लक्ष्य रखा गया है। संभाग के अंतर्गत जिले में कुल 12 जल उपभोक्ता संस्थाएं गठित हैं, जिनके द्वारा नहरों का संधारण एवं जल वितरण का कार्य किया जाता है।
बैठक में एसडीएम महू श्री अंशुल गुप्ता ने कहा कि जल संसाधन विभाग के अधिकारीगण जिले के सभी तालाबों का नामंतरण करा लें, जिससे भविष्य में आने वाली किसी भी परेशानी से बचा जा सके और तालाब की भूमि सुरक्षित रहे। बैठक में जिले की जल उपभोक्ता समितियों के अध्यक्षों ने अनेक सुझाव दिये। बैठक में जल संसाधन विभाग के सभी अनुविभागीय अधिकारी और उपयंत्री मौजूद थे।