झाबुआ उपचुनाव: थमा चुनावी शोर, मतदान 21 को 

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भोपाल। प्रदेश की झाबुआ विधानसभा उपचुनाव का चुनावी शोर थम गया है। यहां मतदान 21 अक्टूबर को होने जा रहा है और 24 अक्टूबर को परिणाम आएगा। इस उपचुनाव में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के 15 साल और मौजूदा कमलनाथ सरकार के 10 महीने के कार्यकाल से जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों पार्टियां इसी नाम पर वोट भी मांग रही हैं। इधर, शुक्रवार रात कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के पैतृक गांव मोरडुंडिया में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान रुके। शनिवार दोपहर बाद उनका रानापुर में रोड शो हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी 40 साल का हिसाब दें। हमारे समय की सभी जनहितैषी योजनाओं को प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया है। रानापुर में ही हुई सभा में सीएम कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान झूठ बोलने में माहिर हैं। लोगों को गुमराह करते हैं। आप हमें जिताइए, हम नया अध्याय लिखेंगे। बता दें कि झाबुआ में वचन पत्र बनाम भाजपा का 15 साल का शासन चुनावी मुद्दा बना है। कांग्रेस जहां भाजपा के 15 साल के शासन में आदिवासियों की उपेक्षा को मुद्दा बना रही है, वहीं भाजपा कांग्रेस के दस माह के कामकाज का हिसाब मांगते हुए वचन पत्र को मुद्दा बना रही है। भाजपा आरोप लगा रही है कि कांग्रेस ने जितने भी वादे किए वे सारे अधूरे हैं। चाहे कर्जमाफी की बात हो बेरोजगारों को भत्ता देने की बात हो, सौ फीसदी काम किसी पर नहीं हुआ। 
    इसी तरह शिवराज शासनकाल की योजनाओं को बंद किए जाने को भी गरीब विरोधी बताकर भाजपा नेता कांग्रेस की घेराबंदी कर रहे हैं। यहां कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया और भाजपा से भानू भूरिया के बीच मुकाबला है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कहा कि भाजपा की सरकार ने गरीबों और आदिवासियों को एक रुपए किलो गेहूं, चावल और नमक दिया। आदिवासियों की बच्चियों को साइकिलें दी। गरीब एवं आदिवासी बच्चों को सही शिक्षा मिले, इसलिए हमने छात्रावास खोले, स्कॉलरशिप दी, किताबें दीं, स्मार्टफोन, लेपटॉप दिए, लेकिन कांग्रेस हमेशा यही चाहती रही है कि गरीब, आदिवासी बच्चे हंसिया लेकर खेतों में मजदूरी करते रहें। भाजपा ने हर वर्ग की चिंता की है, लेकिन कांग्रेस हमेशा इनका शोषण करती रही है।