आज मैग्नीफिसेंट एमपी में 'टेक्सटाईल एण्ड गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग : स्टिचिंग फॉर यंग इंडिया' सत्र में आमंत्रित उद्योगपतियों ने अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिये। मध्यप्रदेश को इस क्षेत्र में अधिक विकसित करने के लिये उद्योग से जुड़े विभिन्न प्रमुख संस्थानों द्वारा दिये गये सुझावों में नये उद्यमियों को अधिक प्रोत्साहन, महिला उद्यमियों की भागीदारी बढ़ाने, रेल और अन्य परिवहन सुविधाओं के विस्तार के सुझाव शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मोहम्मद सुलेमान ने इस सत्र को समन्वयक की हैसियत से सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ इस सेक्टर को प्रोत्साहित करने की ओर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में चार नये टेक्सटाईल पार्क क्रमश: इंदौर, छिंदवाड़ा, रतलाम और भोपाल जिले में विकसित करने के निर्देश दिये हैं। ये पार्क करीब 140 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किये जाने हैं। मध्यप्रदेश के पारम्परिक वस्त्र उद्योग से जुड़े लघु उद्यमियों को भी पर्याप्त प्रोत्साहित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैग्नीफिसेंट एमपी में प्राप्त सुझावों से मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ को अवगत करवाया जायेगा।
श्री सुलेमान ने कहा कि मध्यप्रदेश भौगोलिक रूप से ही नहीं, सांस्कृतिक रूप से भी देश का हृदय प्रदेश है। उन्होंने मध्यप्रदेश में औद्योगिक प्रयोजन के लिये उपलब्ध भूमि,कंटेनर डिपो, हवाई और रेल सुविधाओं के अलावा अन्य अधोसंरचनात्मक सुविधाओं की जानकारी दी। सत्र का संचालन पत्रकार सुश्री निधि राजदान ने किया।
सत्र में ऋचा ग्लोबल एक्सपोर्टस,गुड़गाँव के श्री गौरव उप्पल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ उद्योगों के संवर्धन के लिये संकल्पबद्ध हैं। मुख्यमंत्री के प्रयास बहुत अच्छे परिणाम लायेंगे।
सत्र में वस्त्र उद्योग से जुड़े प्रमुख उद्योगपति श्री राजिन्दर गुप्ता चेयरमेन ट्रायडेंट समूह, श्री सचित जैन वर्धमान टेक्सटाइल, श्री श्रेयस्कर चौधरी प्रतिभा सिंथेटिक्स, श्री शिवा गनपति एमडी गोकुल दास ग्रुप, श्री अखिलेश राठी आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। श्री सचित जैन ने कहा कि आज अर्थ व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन के लिये टेक्सटाईल उद्योग महत्वपूर्ण हो गया है। उत्पादकता वृद्धि पर भी अधिक ध्यान दिया जा रहा है। श्री श्रेयस्कर चौधरी ने कहा कि वे स्वयं के उद्योग के विकास के साथ ही सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में लगभग एक लाख लोगों की भागीदारी से टेक्सटाईल उद्योग के विकास को देख रहे हैं। अकेले इंदौर में करीब 40 हजार लोग रेडीमेड वस्त्र निर्माण से जुड़े हैं। श्री चौधरी ने चंदेरी और महेश्वर के वस्त्र व्यवसाय से जुड़ी और प्रचलित लोक कथाओं को भी व्यवसाय के उन्नयन के लिये उपयोगी बताया। मैग्नीफिसेंट एमपी में आये देश के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ ही स्थानीय उद्योगपति भी काफी संख्या में उपस्थित थे।