भारत बना रहा दो इंजन वाला स्टेल्थ लड़ाकू विमान, जानिए इस स्वदेशी विमान की खासियत

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नई दिल्ली: भारत (India) एक ऐसा विमान बना रहा है जो वर्ल्ड क्लास का होगा. यह विमान जल्द ही भारत के किसी एयरबेस से उड़ान भरता हुआ नजर आ सकता है. नाम है एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Advanced Medium Combat Aircraft) यानी AMCA. दो इंजनों वाला ये विमान किसी भी मौसम में हवाई उड़ान भर पाएगा. ये फाइटर मल्टीरोल यानी हवा में सुपरपावर होगा. जमीन पर हमला और बमवर्षा करने में भी इसे कोई समस्या नहीं होगी. आज की तारीख में भारत की वायुसेना (IAF) की शक्ति है सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000, जगुआर और तेजस जैसे लड़ाकू विमान लेकिन जल्द ही इनकी जगह लेने के लिए स्टेल्थ लड़ाकू विमान(stealth fighter) आ जाएगा. 

Hindustan Aeronautics Limited और Aeronautical Development Agency मिलकर ये विमान बना रहे हैं. स्टेल्थ विमान होते क्या हैं और उनकी खासियत क्यों दुनिया का सबसे बड़ा अजूबा है ये भी बताएंगे लेकिन पहले जानिए कि वायुसेना के लिए ये विमान जरूरी क्यों हैं. 
 
स्टेल्थ यानी कि ऐसा विमान जो राडार को धोखा दे सके, अदृश्य विमान होने का ये मतलब नहीं कि ये आपको आंखों से नजर नहीं आएगा. ये फाइटर प्लेन आपको दिखाई देंगे लेकिन मिलिट्री की आंख यानी राडार को नजर नहीं आएंगे. स्टेल्थ का ये मतलब नहीं कि ये विमान पूरी तरह से ओझल होते हैं लेकिन साधारण राडार की मदद से इन्हें ढूंढना और इनपर निशाना लगाना मुश्किल होगा. 
 
आपको बता दें कि अमेरिका, रूस, चीन और जापान ही नहीं बल्कि भारत ने भी अपने स्टेल्थ विमान पर काम कर रहा है. अब आप सोच रहे होंगे कि स्टेल्थ विमानों के इस एक्सक्लूसिव क्लब में भारत कब शामिल होगा. भारत के पास कब ऐसी अदृश्य ताक़त आएगी. दरअसल जब स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की फ्लाइट टेस्टिंग चल रही थी. उसी दौरान भारत ने AMCA यानी Advanced Medium Combat Aircraft पर काम शुरू कर दिया था…
 
अब AMCA की खासियत भी जान लीजिए:
– 5वीं पीढ़ी के AMCA पर भारत और रूस 2007 से काम कर रहे हैं..
– AMCA एक मल्टीरोल स्टेल्थ विमान होगा…AESA राडार के साथ इसमें दो इंजन लगे होंगे जो 3D thrust vector control से लैस होंगे. 
– खास कोटिंग वाला विमान दुश्मन के राडार की किरणों को सोख लेगा, composite material से बना विमान हल्का और ऐसे डिजाइन वाला होगा जिसे 7 देशों के राडार मिलकर भी पकड़ नहीं पाएंगे. 
– AMCA बेहतर Infra Red Search and Track प्रणाली के साथ Electro-Optical Targeting System से लैस होगा.
– बताया जा रहा है कि इस विमान में करीब 2000 किलोग्राम तक हथियार रखने की जगह होगी.
– उम्मीद है कि 2030 तक ये भारतीय वायु सेना में शामिल होने के लिए तैयार हो सकता है यानी अभी भारतीय वायु सेना को स्वदेशी स्टेल्थ विमान से लैस करने में 10 साल या उससे ज्यादा भी लग सकते हैं.

पिछले दो दशकों में स्टेल्थ टेक्नोलॉजी ने हवाई युद्ध के मायने बदल दिए हैं. दुनिया की हर पावर अब स्टेल्थ लड़ाकू विमान चाहती है. अमेरिका से लेकर रूस और चीन से लेकर भारत. हर ताक़त इस तकनीक को हासिल करने के बाद और आगे ले जाने की कोशिश में है ताकि दुश्मन को उसकी आहट का भी पता ना लगे.