अंकारा । तुर्की की सेना ने सीरिया के एक सीमांत कस्बे पर कब्जा कर लिया है। सेना ने बयान जारी कर कहा है कि उसने कुर्द लड़ाकों के खिलाफ जारी अपने अभियान के चौथे दिन रास अल-अयन कस्बे के केंद्र की घेराबंदी कर ली है। उल्लेखनीय है कि भारत, अमेरिका, फ्रांस समेत दुनिया भर के तमाम देशों ने तुर्की की इस सैन्य कार्रवाई की निंदा की है। इसके बाद भी तुर्की ने अभी इस आक्रामक अभियान से पीछे हटने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। तुर्की के रक्षा मंत्री और एक वॉर मॉनिटर ग्रुप ने बताया कि सेना ने रास अल-अयन के सेंटर पर कब्जा जमा लिया है। बुधवार से शुरू हुई सेना की इस कार्रवाई को तुर्की ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी सफलता करार दिया है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से सीरिया से सेना हटाने का ऐलान किया गया था। इसके बाद तुर्की ने कुर्द लड़ाकों को निशाना बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी। तुर्की के इस आक्रमण के चलते अब तक सीरिया के सीमांत क्षेत्रों से 1,00,000 लोगों को अपने घर, दुकान छोड़कर पलायन करना पड़ा है। जानकारों का कहना है कि इस स्थिति में एक बार फिर से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट सीरिया में हावी हो सकता है। उपद्रव की स्थिति का फायदा उठाते हुए आतंकी संगठन एक बार फिर से सिर उठा सकता है। इस बीच फ्रांस ने तुर्की की सैन्य कार्रवाई का तीव्र विरोध करते हुए उसे हथियारों के निर्यात करने पर बैन लगा दिया है।
फ्रांस के विदेश और रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि हमने यह रोक इसलिए लगाई है, क्योंकि तुर्की आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल सीरिया में अपने ऐक्शन के लिए भी कर सकता है। यही नहीं सोमवार को यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों की भी बैठक है, जिसमें तुर्की को लेकर यूरोपियन यूनियन की ओर से भी कोई फैसला लिया जा सकता है।