न्याय प्रणाली देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था की नींव : मुख्यमंत्री कमल नाथ

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मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने छिंदवाड़ा में जिला अधिवक्ता संघ के शपथ ग्रहण एवं सम्मान समारोह में कहा कि हमारे देश की न्याय प्रणाली हमारी प्रजातांत्रिक व्यवस्था की नींव है। न्याय का हमारे जीवन, संविधान और देश में महत्वपूर्ण स्थान है। न्यायधीश और अधिवक्ता न्याय के रक्षक हैं,  इसलिये उनकी सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ता निराश न हों, राज्य सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के पक्ष में है।  

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि भारतीय संविधान से विश्व के अन्य देशों ने भी प्रेरणा ली है। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल आत्मा में निहित भावों के कारण ही आज देश में विभिन्न धर्म, जाति और सम्प्रदाय के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। श्री कमल नाथ ने कहा कि अधिवक्ताओं को भी इस भाव को सदैव ऊपर रखना है। भविष्य के भारत को ध्यान में रखकर कार्य करना है और युवा पीढ़ी में भी यह भाव पैदा करना है।  मुख्यमंत्री ने अधिवक्ता संघ द्वारा प्रस्तुत विभिन्न समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया।   

मुख्यमंत्री  ने अधिवक्ता संघ कार्यकारिणी के नव-निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई और प्रमाण पत्र वितरित किये। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता सर्वश्री हुकुमचंद जैन, बी.पी. शुक्ला, बी.आर. मोहबे,  प्रसून श्रीवास्तव, मेघनाथ माहोरे एवं एच.एस. भाटिया को सम्मानित किया गया। विगत 30 वर्षो से अधिवक्ता संघ में सक्रिय रूप से कार्य कर रही अधिवक्ता सुश्री आराधना भार्गव, सुश्री साधना काले और श्रीमती अलका सिन्हा को भी सम्मानित किया गया।

 कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश  श्री बी.एस.भदौरिया ने जिले की तहसीलों में संचालित न्यायालयों एवं हाल ही में दूरस्थ क्षेत्रों तामिया एवं हर्रई में प्रारंभ किये गये न्यायालयों की जानकारी दी। जिला अधिवक्ता संघ की नवीन कार्यकारिणी के अध्यक्ष श्री विजय सिंह गौतम और राज्य अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री गंगा प्रसाद तिवारी ने अधिवक्ताओं की विभिन्न मांगों से अवगत कराया। मंच का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता श्री शैलेन्द्र तिवारी ने किया।

कार्यक्रम में  जिले के  प्रभारी  लोक  स्वास्थ्य  यांत्रिकी  मंत्री  श्री  सुखदेव  पांसे, सांसद श्री नकुल  नाथ,  पूर्व मंत्री श्री दीपक सक्सेना, पांढुर्णा विधायक श्री निलेश उईके, न्यायधीशगण और जिला अधिवक्ता संघ के सदस्य मौजूद थे।