झुग्गीवासी बच्चों के लिए कोलकाता में जन्मी मिस इंग्लैंड ने मदद के लिए जुटाया धन 

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लंदन । कोलकाता में सड़कों और झुग्गियों में रहने वाले बच्चों के लिए काम कर रही ब्रिटेन की एक धर्मार्थ संस्था के लिए भारतीय मूल की मिस इंग्लैंड-2019 भाषा मुखर्जी ने धन जुटाने में मदद की है। कोलकाता में बचपन बिताने वाली पेशे से डॉक्टर मुखर्जी अगले महीने होने वाली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की तैयारियों से समय निकालकर शुक्रवार रात लंदन में 'होप फाउंडेशन' के चंदा इकट्ठा करने के कार्यक्रम में शामिल हुईं। कार्यक्रम के टिकटों की बिक्री और नीलामी व कई तरह के दान के जरिए संस्था के लिए 20,000 पाउंड से अधिक की धनराशि एकत्रित हुई।
पूर्वी इंग्लैंड के लिंकोलनशर में फिलहाल जूनियर डॉक्टर के तौर पर काम कर रहीं 23 वर्षीय भाषा ने कहा, 'मुझे लगता है कि भाग्य लोगों का साथ ले आता है। मैं कोलकाता से हूं। लिहाजा होप फाउंडेशन मेरे लिए बेहद खास है।' भाषा 9 साल की आयु में लंदन आ गईं थीं। भाषा ने कहा, 'होप सिर्फ कोलकाता के बच्चों के लिए नहीं है। यह पूरी दुनिया के बच्चों के लिए है और मेरा 'ब्यूटी विद पर्पज़' मिशन स्वास्थ्य शिक्षा को लेकर है, एक चिकित्सक होने के नाते मैं इसे लेकर बेहद उत्साहित हूं। मैं मिस इंग्लैंड बनने से मिली पहचान के जरिए लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना चाहती हूं ताकि वे समाज में अच्छे से जीवन व्यतीत कर सकें।' होप फाउंडेशन की स्थापना 1999 में आयरलैंड की मॉरीन फॉरेस्ट ने कोलकाता में सड़कों पर रहने के लिए मजबूर 14 युवा लड़कियों को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करने के लिए की थी। पहले संस्था के पास एक संरक्षण गृह हुआ करता था जिनकी संख्या बढ़कर अब 12 हो गई है। संस्था के प्रयासों से कोलकाता में झुग्गियों और सड़कों पर रहने वाले लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।