भोपाल । महापौर आलोक शर्मा ने निगम आयुक्त विजय दत्ता के साथ संत हिरदाराम नगर, रानी कमलापति एवं प्रेमपुरा घाटों का निरीक्षण करते हुए सभी घाटों पर प्रतिमाओं के विसर्जन हेतु टोकन सिस्टम लागू करने एवं डिस्प्ले बोर्ड्स के माध्यम से विसर्जन हेतु टोकन नंबर प्रदर्शित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। महापौर श्री शर्मा ने कमलापति घाट एवं प्रेमपुरा पर केज व रिमोट ऑपरेटेड प्लेटफार्म आदि सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया और सभी व्यवस्थाओं को बेहतर ढंग से सुनिश्चित करने तथा पानी के पास किसी भी नागरिक को न जाने देने के निर्देश दिए। महापौर आलोक शर्मा ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह किसी भी विसर्जन घाट पर पानी के समीप न जाए अपनी प्रतिमाओं को पूजन उपरांत विशेषज्ञ गोताखोरों को सौंपे ताकि सुरक्षित ढंग से मूर्तियों का विसर्जन सुनिश्चित किया जा सके। प्रेमपुरा घाट पर महापौर श्री शर्मा ने संभागायुक्त श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, आई.जी. आदर्श कटियार, कलेक्टर तरूण पिथौडे से भी चर्चा की। निरीक्षण के दौरान महापौर परिषद के सदस्य केवल मिश्रा, अपर आयुक्त मेहताब सिंह गुर्जर, मयंक वर्मा, पवन सिंह, उपायुक्तएल.आर.कोली, मनोज श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।
महापौर ने सोमवार को श्री दुर्गा विसर्जन संबंधी व्यवस्थाओं का जायजा लेने हेतु शहर के विभिन्न विसर्जन घाटों का भ्रमण किया और यहां नगर निगम के साथ ही जिला प्रशासन द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। महापौर श्री शर्मा ने सभी विसर्जन घाटों पर हर समय पर्याप्त मात्रा में गोताखोर व आपदा प्रबंधन दल के सदस्यों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। महापौर श्री शर्मा ने संत हिरदाराम विसर्जन घाट का निरीक्षण करते हुए निर्देशित किया है कि विसर्जन हेतु आने वाले सभी झांकियों को टोकन प्रदान किए जाए और उनकी बारी के संबंध में जानकारी डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से दी जाए जिसमें टोकन नंबर के साथ ही दुर्गा उत्सव समिति का नाम एवं स्थान का उल्लेख भी किया जाए। महापौर श्री शर्मा ने संत हिरदाराम नगर विसर्जन घाट पर छोटी मूर्तियों के पूजन हेतु पृथक से तखत लगाने एवं पूजन उपरांत सभी प्रतिमाएं विशेषज्ञ गोताखोरों के माध्यम से ही विसर्जित करने की व्यवस्था करने, विसर्जन घाट एवं बड़े तालाब की ओर समुचित बैरीकेटिंग तथा प्रकाश की व्यवस्था करने, साफ-सफाई, पेयजल, नाव, मोटर बोट, क्रेनों आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
महापौर आलोक शर्मा एवं निगम आयुक्त विजय दत्ता ने संत हिरदाराम नगर दशहरा मैदान का भी निरीक्षण किया और मैदान के गीले स्थानों पर आवश्यकतानुसार मुरम, जीरा गिट्टी आदि डालने व मैदान का समतलीकरण, साफ-सफाई, पेयजल एवं प्रकाश की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
महापौर आलोक शर्मा ने निगम आयुक्त विजय दत्ता के साथ रानी कमलापति घाट का निरीक्षण किया। श्री शर्मा ने यहां मूर्तियों के विसर्जन हेतु स्थापित किए जा रहे प्लेटफार्म की स्थापना का भी जायजा लिया और प्लेटफार्म की कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त की। महापौर श्री शर्मा ने कमलापति घाट पर आने वाली मूर्तियों को निर्बाद्ध रूप से घाट पर आने और विसर्जन उपरांत ट्राले आदि को वापिस निकालने की व्यवस्था को सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। महापौर श्री शर्मा ने एडिशनल एस.पी. मनु व्यास से भी मूर्तियों के आने-जाने के मार्गों के संबंध में भी चर्चा की। श्री शर्मा ने प्लेटफार्म की स्थापना शीघ्रता से करने एवं सभी आवश्यक संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखने के निर्देश दिए साथ ही सुरक्षा के दृष्टिगत समुचित बैरीकेटिंग के निर्देश दिए।
इसके उपरांत महापौर आलोक शर्मा प्रेमपुरा घाट पहुंचे और यहां भोपाल संभागायुक्त श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, आई.जी. आदर्श कटियार, जिला कलेक्टर तरूण पिथौडे, डी.आई.जी. इरशाद वली एवं निगम आयुक्त विजय दत्ता से व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की। महापौर श्री शर्मा ने प्रेमपुरा घाट पर विसर्जन कुण्ड के आसपास जीरा गिट्टी आदि डालकर समतलीकरण कराने के निर्देश दिए। महापौर श्री शर्मा ने यहां मूर्ति विसर्जन हेतु स्थापित किए जा रहे रिमोट ऑपरेटेड प्लेटफार्म एवं केज आदि का भी अवलोकन किया। महापौर श्री शर्मा को अवगत कराया गया कि संपूर्ण भारत में विसर्जन हेतु स्थापित किए जा रहे यह प्लेटफार्म अपने किस्म के पहले प्लेटफार्म है। महापौर श्री शर्मा ने प्रेमपुरा घाट पर आने वाली मूर्तियों को दिए जाने वाले टोकन्स का भी अवलोकन किया और टोकन व्यवस्था को बेहतर ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए साथ ही किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
महापौर आलोक शर्मा ने श्रद्धालुओं से की पानी के पास न जाने की अपील
महापौर आलोक शर्मा ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह किसी भी विसर्जन घाट पर पानी के समीप न जाए अपनी प्रतिमाओं को पूजन उपरांत विशेषज्ञ गोताखोरों को सौंपे ताकि सुरक्षित ढंग से मूर्तियों का विसर्जन सुनिश्चित किया जा सके।