नई दिल्ली: अमित शाह (Amit Shah) और पीएम मोदी (PM Modi) ने साफ कर दिया है कि करप्शन (corruption) पर उनकी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है. इसी के तहत महाराष्ट्र (Maharashtra) बीजेपी (BJP) के धाकड़ मंत्रियों के टिकट काट दिए गए हैं. तावड़े, खड़से और मेहता जैसे बड़े चेहरों पत्ता चुनाव में कट चुका है. दरअसल करप्शन को लेकर बीजेपी की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है और इसी को लेकर बीजेपी चुनाव में उतर पड़ी है. विपक्षी दल बीजेपी के जिन नेताओं को लेकर चुनावी मुद्दा बनाने वाले थे बीजेपी (BJP) ने यह चाल चलकर विपक्ष को शुरुआत में ही चारों खाने चित कर दिया है. शुक्रवार को बीजेपी की महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों (Maharashtra Assembly Elections) की आखिरी लिस्ट के बाद बीजेपी के ऐसे नेताओं की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो चुकी है. आइए आपको बताते हैं कि कौन सा दिग्गज क्यों हटाया गया..
विनोद तावड़े
सूबे के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े का टिकट कट गया है. तावड़े पर आने के साथ ही शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े का चुनावी पत्ता कटने की पुष्टि हो गई है. विनोद तावड़े पर पक्षपात और अनियमितता के आरोप लगे थे. महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में हावी रहने वाली मराठा (Maratha) जाति के नेता तावड़े को ब्राह्मण मुख्यमंत्री फडणवीस (CM Fadnavis) का चैलेंजर माना जाता है.
एकनाथ खड़से
यही हाल वरिष्ठ बीजेपी (BJP) नेता एकनाथ खड़से का हुआ है. उनका टिकट काटकर उनकी बेटी रोहिणी को दिया गया है. मराठा नेता महाराष्ट्र (Maharashtra) बीजेपी में प्रभुत्व और seniority के चलते मुख्यमंत्री फडणवीस के चैलेंजर थे. पूर्व मंत्री खड़से को करप्शन के आरोप के चलते इस्तीफा (resign) देना पड़ा था.
प्रकाश मेहता
कुछ ऐसा ही पूर्व housing मिनिस्टर प्रकाश मेहता के साथ हुआ. 6 बार के विधायक मेहता गुजराती समाज के नेता हैं. मगर MP mill compound scam में उन पर करप्शन के आरोप लगे हैं. इसी वजह से उनकी जगह गुजराती समाज के ही पराग शाह को टिकट दिया गया है.
राज पुरोहित
सबसे दिलचस्प रहा 5 बार के विधायक और पूर्व मंत्री राज पुरोहित को हटाना. एक स्टिंग ऑपरेशन में किया गया बड़बोलापन इन्हें भारी पड़ा. और राजस्थानी समाज के प्रतिनिधि पुरोहित को हटाया गया. उनकी जगह नार्वेकर को कोलाबा सीट से टिकट दिया गया है.
नितिन गडकरी कैंप के माने जाते हैं चारों दिग्गज
आपको बता दें कि जिन चार बड़े नेताओं का टिकट कटा उनमें से दो मुख्यमंत्री फडणवीस के विरोधी माने जाते थे तो बाकी दो मेहता और पुरोहित, मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा के विरोधी माने जाते थे. और उससे दिलचस्प बात यह है कि चारों दिग्गजों को नितिन गडकरी कैंप का माना जाता था.
करप्शन के मुद्दों पर ही बीजेपी लड़ेगी चुनाव
इसी के साथ टिकटों को लेकर चल रही अटकलबाजी भी खत्म हो गई और यह भी साफ हो गया कि करप्शन आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा होगा क्योंकि गैर भाजपाई पार्टियों ने करप्शन के आरोप वाले लोगों को टिकट दिया है.