शिवराज सिंह चौहान का ऐलान-केंद्र नहीं जाऊंगा, मध्यप्रदेश में ही रहूंगा और यहीं मरुंगा

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केंद्र में नहीं जाऊंगा, एमपी में ही रहूंगा

मैं मध्य प्रदेश में जिऊंगा और मध्य प्रदेश में ही मरूंगा बताते चलें कि शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को इस्तीफा देने के बाद कहा था कि वह अब मुक्त हो गए हैं और अब वह चौकीदारी का काम करेंगे इसी से भी स्पष्ट होता है कि शिवराज फिलहाल मध्य प्रदेश में ही केंद्रित रहना चाहते हैं शिवराज ने प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष कमलनाथ को जीत की बधाई देते हुए कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस अपने वादे पूरे करेगी

सिर्फ 5 सीटों से कांग्रेस से पिछड़ी बीजेपी
बता दें कि प्रदेश में 28 नवम्बर को हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने 114 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है, जो कि बहुमत के आंकड़े 116 से मात्र दो सीटें कम है। वहीं प्रदेश में पिछले 15 वर्षों से सत्तारुढ़ दल भाजपा 109 सीटें हासिल कर दूसरे स्थान पर रही। प्रदेश में दो सीटों पर बसपा, एक समाजवादी पार्टी और चार पर निर्दलीयों ने विजय दर्ज की है। प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं।

किसानों का कर्ज माफ करें राहुल
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए मंगलवार को हुई मतगणना में भाजपा से हारने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद चौहान ने  को बताया, ”कांग्रेस ने अपने ‘वचन पत्र में 10 दिन में कर्ज माफी का वचन दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल जी ने कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के 10 दिन में यदि किसानों को कर्ज माफ नहीं होगा तो हम (कांग्रेस) मुख्यमंत्री बदल देंगे।
   
चौहान ने कहा, ”यह उनका (राहुल गांधी) विषय है। वह तय करें। लेकिन मुझे विश्वास है कि वह उस वादे को जरूर पूरा करेंगे। अपने शासनकाल के दौरान चलाई गई संबल एवं लाडली लक्ष्मी योजना सहित विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने प्रदेश में बनने वाली सरकार से आग्रह किया कि वह इन योजनाओं को ठीक ढंग से चलाए।

हार का जिम्मेदार मैं हूं
उन्होंने कहा, ”अथक परिश्रम करने के बाद भी हमें अपेक्षित सफलता भी प्राप्त नहीं हुई। अगर इस हार के लिए कोई जिम्मेदार है तो शिवराज सिंह चौहान है। मैं हूं। चौहान ने कहा, ”केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बाद भी हम चुनाव हार गये। दोष मुझमें ही है। कमी मुझमें ही कहीं न कहीं है। मैं इस कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया। ‘अबकी बार 200 पार पर हम फेल हो गए हैं।

जब उनसे सवाल किया गया कि 13 मंत्रियों के हारने में क्या टिकट वितरण में गलती हुई, तो उन्होंने कहा, ”जो भी गलती थी, वह मेरी थी। हम जनता के बीच अपने विकास की योजनाओं को ठीक से नहीं पहुंचा पाये। इसके अलावा, कांग्रेस ने जनता के बीच भ्रम का वातावरण बनाया। जब उनसे सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को इस हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, तो इस पर उन्होंने कहा, ”कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। यह प्रदेश का मुद्दा है।

   
उन्होंने कहा कि जनता से असीम स्नेह और प्यार सरकार को विशेष रूप से मुझे मिलता रहा। उन्होंने कहा,”परिवार का सदस्य बनकर मैंने सरकार चलाने की कोशिश की। मुझे लगता था कि प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता मेरा परिवार है। उनका सुख मेरा सुख और उनका दुख मेरा दुख है। अपने 13 साल के शासनकाल में मैंने भरसक क्षमता के साथ प्रदेश का विकास करने की कोशिश की।