भोपाल। शनिवार को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। इसमें पार्टी ने कहा है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो सरकारी भवनों और परिसरों में आरएसएस की शाखाओं को अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस ‘शाखाओं’ में भाग लेने की अनुमति देने के पहले के आदेश को भी रद्द कर दिया जाएगा।
संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध वाली घोषणा के बाद कमलनाथ तेजी से बैकफुट पर आए और मामले को संभालने की कोशिश की परंतु कांग्रेस नेता सुदरलाल तिवारी ने सुलगी आग को भड़का दिया। कमलनाथ ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर संघ की तारीफ की, इसे अप्रत्यक्ष माफी माना गया परंतु आरएसएस कमलनाथ को माफ करने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। संघ ने आधिकारिक बयान जारी कर दिया है।
ऐसा नियम नहीं…शाखाओं में जाने से नहीं रोक सकते
प्रांत संघचालक सतीश पिंपलीकर ने कहा कि सरकारी कर्मचारी के शाखा में जाने का अभी कोई नियम नहीं है। इसलिए उन्हें रोक नहीं सकते। कांग्रेस का यह चुनावी हथकंडा है। शाखा में जाने को लेकर 100 सेे ज्यादा केस में कर्मचारियों को ही राहत मिली है। निर्णय संघ के पक्ष में आया। कांग्रेस की सरकार नहीं आएगी। यदि आई भी तो देखेंगे क्या करना है।
कमलनाथ को अंदाजा भी नहीं कि क्या कर दिया
प्रांत सह संघचालक अशोक पांडे ने इसे कांग्रेस की बड़ी राजनीतिक भूल बताया। उन्होंने संकेत दिए कि स्वयंसेवक चुप नहीं बैठेंगे। वैसे तो स्वयंसेवक ने यह तय किया था कि शत-प्रतिशत मतदान कराने के लिए जनजागरण करेंगे, लेकिन वे अब इस बारे में प्रतिबद्ध हैं कि कांग्रेस के इस कदम के विरोध में जनजागरण करेंगे।
कांग्रेस का दूसरा बड़ा हमला: संघ आतंकवाद का प्रतीक
भोपाल। कांग्रेस नेता सुंदरलाल तिवारी ने मंगलवार को इस विवाद में भड़काने वाला बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि संघ आतंकवाद का प्रतीक है। यह पूरी तरह से राजनीतिक संगठन है। यह वह संगठन है, जिसने गांधी की हत्या की। आरएसएस राज्य के साथ पूरे देश में घृणा का वातावरण पैदा करता है और सामाजिक घृणा फैलाता है। संघ की शाखाओं में हिन्दुस्तान का झंडा कभी नहीं फहराया जाता है और यही सब आतंकवाद का प्रतीक है। हालांकि तिवारी के बयान पर कमलनाथ ने कहा कि ये तिवारी के निजी विचार हैं। पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।
बचाव में गिड़गिड़ाते कमलनाथ
हमने वचन-पत्र में कहीं नहीं लिखा कि संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाएंगे। सिर्फ इतना लिखा है कि जिस तरह केंद्र सरकार, उमा भारती और बाबूलाल गौर के कार्यकाल में जो रोक लगी थी, उसे ही लागू करेंगे। इसके अलावा संघ से कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है।
कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
संघ की बड़ी गतिविधि – वरिष्ठ स्वयंसेवक डॉ. विश्वास चौहान के अनुसार
– दो करोड़ से ज्यादा ट्रेंड स्वयंसेवक, 40 देशों में सक्रिय।
– 80 से ज्यादा अनुषांगिक संगठन।
– 56 हजार 569 दैनिक शाखाएं लगती हैं।
– 13 हजार 847 साप्ताहिक मंडली, 9 हजार मासिक शाखा।
– 5 करोड़ से अधिक स्वयंसेवक नियमित शाखाओं में आते हैं।
– हर तहसील और 65 हजार गांवों में लगती हैं शाखाएं।
– राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, 283 सांसद, 1460 विधायक, 18 राज्यों के मुख्यमंत्री संघ के स्वयंसेवक हैं या संघ परिवार का हिस्सा हैं।