भोपाल। भोपाल स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों के कोचों में यात्रियों को पानी के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। दरअसल, भोपाल स्टेशन पर नया हाइड्रेंट बनाया जा रहा है। 2.76 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस नए हाइड्रेंट को क्विक वॉटरिंग सिस्टम नाम दिया गया है। इसके जरिए 24 कोच वाली ट्रेन में महज 8 मिनट में पानी भर जाएगा। अभी इस काम में 10 से 12 मिनट लगते हैं।इसके अलावा यात्रियों को अब गंदे चादर, तकिया, कंबल आदि मिलने की शिकायत भी नहीं रहेगी। भोपाल से गुजरने वाली ट्रेनों में यात्रियों को स्वच्छ चादर-कंबल लिनेन सेट दिए जाएं, इसकी निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए होगी।
खराब लिनेन की शिकायतें होंगी दूर
गौरतलब है कि रेल मंडल से गुजरने वाली करीब 60 से ज्यादा ट्रेनों में गंदे और खराब के साथ ही कटे-फटे लिनेन सेट की हर साल औसतन 250 शिकायतें पहुंचती हैं। इस समस्या को दूर करने अब भोपाल स्टेशन की लॉन्ड्री की निगरानी एआई से कराई जाएगी। भोपाल रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया का कहना है कि ये दोनों सुविधाएं इसी साल अक्टूबर से शुरू होंगी। इससे यात्रियों को काफी फायदा होगा।
यहां लगेगा सिस्टम
रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 3, 4 व 5 पर क्विक वॉटरिंग सिस्टम शुरू किया जा रहा है। अभी प्लेटफॉर्म नंबर-1 व 2 पर यह सुविधा है। इससे दो दर्जन बोगियों वाली ट्रेन में भी महज 8 मिनट में पानी भर जाएगा। रेल अधिकारियों के मुताबिक इस सिस्टम को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लिंक कर दिया जाएगा। नए क्विक वॉटरिंग सिस्टम का फायदा दिल्ली व रतलाम तरफ जाने वाली ट्रेनों को खास तौर पर मिलेगा। अभी इन ट्रेनों को शंटिंग कर प्लेटफॉर्म नंबर-1 व 2 पर पानी भरने ले जाना पड़ता है।