कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने लद्दाख में 1999 की जंग के नायकों को श्रद्धांजलि दी। वह कारगिल वॉर मेमोरियल भी गए। करीब 20 मिनट के संबोधन में PM ने पाकिस्तान, आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अग्निपथ योजना और विपक्ष पर बात की।
PM ने कहा- पाकिस्तान प्रॉक्सी वॉर के जरिए चर्चा में बना रहना चाहता है। उन्होंने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा। अतीत में आतंकवाद को लेकर उनके हर प्रयास विफल रहे। मैं जहां खड़ा हूं, वहां से आतंक के आकाओं तक मेरी आवाज पहुंच रही होगी। उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा- सेना का रिफॉर्म्स हमारी पहली प्राथमिकता है। अग्निपथ योजना इसका हिस्सा है। संसद में दशकों तक सेना को युवा बनाने पर चर्चा होती रहीं। कई कमेटियों में ये विषय उठा, लेकिन इस बदलाव की पहले इच्छा शक्ति नहीं दिखाई गई।
कुछ लोगों की मानसिकता यही थी कि सेना मतलब नेताओं को सलाम करना, परेड करना। हमारे लिए सेना मतलब 140 करोड़ देशवासियों की सुरक्षा, शांति की गारंटी। अग्निपथ योजना के जरिए इसे हमने साकार किया है। दुर्भाग्य से इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है।
दुनिया की सबसे ऊंचाई पर बनने वाली टनल की आधारशिला रखी
प्रधानमंत्री मोदी ने कारगिल वॉर मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद लद्दाख में शिंकुन ला टनल प्रोजेक्ट के लिए पहला वर्चुअल ब्लास्ट किया। यह दुनिया की सबसे ऊंचाई पर बनने वाली टनल है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 15,800 फीट है। यह हिमाचल प्रदेश की लाहौल वैली को लद्दाख की जास्कर वैली से जोड़ेगी।
4.1 KM लंबी यह टनल निमू-पदुम-दारचा रोड पर बनाई जाएगी। इसे बनाने में करीब 1681 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) करीब दो साल में बनाकर तैयार करेगा। इलाके में साल के चार-पांच महीने बर्फ जमी रहती है। टनल बन जाने के बाद यहां सालभर आवाजाही की जा सकेगी।
शिंकुन ला टनल एक ट्विन-ट्यूब डबल लेन टनल होगी। इसमें हर 500 मीटर के बाद क्रॉस पैसेज होंगे। इसके अंदर सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन सिस्टम, मैकेनिकल वेंटिलेशन सिस्टम, फायर फाइटिंग सिस्टम और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी जैसी सुविधाएं होंगी।