रायपुर। तम्बाकू नियंत्रण की दिशा में और अधिक प्रयास एवं आने वाली पीढ़ी को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा ब्लूमबर्ग परियोजना छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में 3 जुलाई को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित हुआ। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन एवं संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार शासन के प्रमुख विभागों के राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति में इस राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आबकारी विभाग, श्रम विभाग एवं परिवहन विभाग के राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित हुए।
कार्यशाला में तम्बाकू के पैकेट में स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होने के बावजूद भी लोगो द्वारा तम्बाकू का उपयोग किए जाने पर चिंता व्यक्त की गई। कार्यशाला में तम्बाकू उत्पादों के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण एवम आर्थिक स्तिथि में पड़ने वाले भार से अवगत कराते हुए तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्र की सेवाओं की जानकारी दी गई। कार्यशाला में कोटपा-2003 सहित धूम्रपान मुक्त नीतियों के बारे में विस्तार से बताया गया तथा तम्बाकू नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ श्रम विभाग, परिवहन विभाग एवम आबकारी विभाग की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया तथा एम्स जोधपुर द्वारा बीड़ी के प्रभावों के संबंध में किए गए अध्ययन के छत्तीसगढ़ संस्करण का विमोचन किया गया।
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन द्वारा अंतरविभागीय समन्वय की आवश्यकता से अवगत कराया गया। साथ ही तम्बाकू नियंत्रण के लिए राज्य में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए राज्य में तम्बाकू की व्यापकता के बारे में बताया गया और मोनिटरिंग एप्प की जानकारी दी गई। कार्यशाला में यह जानकारी दी गई कि राज्य में शिक्षा विभाग के सहयोग से शैक्षणिक संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जा रहा है। साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रथम चरण में प्रत्येक जिले की 5-5 ग्राम पंचायतों को धूम्रपान मुक्त करने के प्रयास प्रारंभ किया जा चुका है। कार्यक्रम का संचालन ब्लूमबर्ग परियोजना के राज्य समन्वयक डॉ शैलेंद्र मिश्रा एवम आभार प्रदर्शन प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा किया गया।