वॉशिंगटन: अमेरिका में अब चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। गुरुवार को अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच डिबेट हुई। इस डिबेट में बाइडन का बेहद खराब प्रदर्शन रहा। शुक्रवार को बाइडन ने कहा कि उनका इरादा रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हराने का है। वहीं उन्होंने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया कि वह कमजोर बहस के कारण राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने का विचार करेंगे। हालांकि ट्रंप के साथ उनकी बहस देख पार्टी के लोग मायूस हैं। डिबेट के एक दिन बाद उत्तरी कैरोलिना में एक रैली में बाइडन ने अपनी उम्र और उससे होने वाली मुश्किलों पर जवाब दिया।
ट्रंप का प्रदर्शन रहा बेहतर
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए टेलीविजन पर प्रसारित पहली बहस देखने वाले ज्यादातर लोगों की नजर में मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन के मुकाबले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रदर्शन बेहतर रहा। यह वर्ष 2020 की उस स्थिति के उलट है, जब बहस देखने वालों ने 81 वर्षीय डेमोक्रेट (बाइडन) को उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी ट्रंप के मुकाबले बेहतर उम्मीदवार के रूप में देखा था। व्हाइट हाउस में दूसरा कार्यकाल पाने के इच्छुक बाइडन बहस के दौरान लड़खड़ाते नजर आए जिससे डेमोक्रेट के शीर्ष नेताओं के बीच इस बात को लेकर खतरे की घंटी बज गई है कि क्या मौजूदा राष्ट्रपति अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले के कठिन महीनों के दौरान शीर्ष पर रह सकते हैं।
ट्रंप और बाइडन में क्या हुई बहस
पांच नवंबर को होने वाले चुनाव को लेकर दोनों नेताओं के बीच बृहस्पतिवार को करीब 90 मिनट तक आक्रामक बहस हुई। इस दौरान अर्थव्यवस्था, आव्रजन, विदेश नीति, गर्भपात और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर राष्ट्रपति बाइडन और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के भावी उम्मीदवार माने जा रहे 78-वर्षीय ट्रंप के बीच वार-पलटवार देखने को मिला। दोनों नेताओं ने एक दूसरे को झूठा और अमेरिका के इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति करार दिया। ट्रंप ने कहा, ‘हम एक तीसरी दुनिया के देश जैसे हैं और यह शर्म की बात है। अब हमारा सम्मान नहीं किया जाता।’ ट्रंप ने देश की समस्याओं को मैक्सिको के साथ लगती दक्षिण-पश्चिमी अमेरिकी सीमा पार करने वाले प्रवासियों की आमद से भी जोड़ा और कहा कि वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने 2017-2021 के कार्यकाल के बारे में कहा, ‘हमारे पास दुनिया की सबसे सुरक्षित सीमा थी। लेकिन अब यह दुनिया की सबसे खतरनाक जगह है।’