जेपी अस्पताल…वीडियो बना रहे लोगों को स्टोर में किया बंद:मरीजों को मिली नहीं, रखे-रखे एक्सपायर हो गई दवाएं

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तस्वीर जेपी अस्पताल के दवा स्टोर क​ी है। यहां जो दवाओं के कार्टन आप देख रहे हैं, इनमें रखी कई दवाएं रखे-रखे ही एक्सपायर हो गई हैं। यानी जो दवाएं मरीजों तक पहुंचनी थी उन्हें रखे-रखे एक्सपायर कर दिया। अब इन दवाओं को गुपचुप तरीके से नष्ट करने का मामला सामने आया है। अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि दवाइयों को अलग-अलग किया जा रहा था।

ऐसे सामने आया मामला: सोमवार दोपहर 4-5 बजे जब स्टोर के कर्मचारी दवाएं नष्ट कर रहे थे, तभी कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाया। ऐसे में स्टाफ भड़क गया। वीडियो बना रहे एक युवक को स्टोर के शैतान सिंह नाम कर्मचारी ने धक्का देकर कमरे में ताला लगा दिया। करीब एक घंटे तक जब कोई नहीं पहुंचा तो उस युवक ने डायल-100 काे फोन कर दिया। पुलिस आई तब कहीं युवक को छुड़ाया।

मरीजों का दर्द : यहां स्थित दो स्टोर में करीब 50 लाख रुपए की दवाएं रखी हुई है। इसमें अधिकांश दवाएं वे है, जो हेल्थ कार्पोरेशन ने खरीदी कर जेपी अस्पताल पहुंचाई थी। दो माह से जेपी में मरीजों को पर्याप्त दवाएं नहीं मिल पा रही थी।

स्टोर में कई जरूरी दवाएं एक्सपायर्ड

यहां कई दवाएं एक्सपायर्ड मिलीं। बड़ी संख्या में ग्लूकोज की बोतलें (डीएनएस, एसएन, डेक्सट्रोज) खाली पड़ी थीं। स्टोर रूम के अंदर से ही तमाम सिरप बहाए गए थे। कुछ टेबलेट भी डस्टबिन और पानी में फेंकी गई थीं। यहां तक कि जिंक सल्फेट की सिरप और अन्य टैबलेट भी बड़ी संख्या में एक्सपायर मिली।

स्टोर इंचार्ज अंबाराम चौहान का कहना है कि 514 तरह की जरूरी दवाएं हैं। इनमें से करीब 350 दवाएं ऐसी हैं, जो रोजाना इस्तेमाल होती हैं। कुछ दवाएं ऐसी हैं, जो कम इस्तेमाल की जाती हैं, यही एक्सपायर हो जाती हैं। हमारे पास जगह भी कम है।

ये प्रमुख जरूरी दवाएं एक्सपायर

  • जिंक सल्फेट: डिहाइड्रेशन के लिए।
  • मेट्रोनीडाजॉल- संक्रमण रोकने के लिए
  • नॉर्मल सलाइन- ग्लूकोल की कमी के लिए
  • आईवी फ्लूड- उल्टी-दस्त के लिए।

ऐसे नष्ट नहीं की जा सकती दवाएं: एक्सपर्ट, एफआईआर कराएंगे: अस्पताल प्रबंधन

एक्सपायरी डेट की दवाएं इस तरह से नष्ट करने का तरीका गलत है। एक्सपायर्ड होने वाली दवाओं को पीले बैग में भरकर इंसीनरेटर में अत्यधिक तापमान में गलाया जाता है। ये सब बायोमेडिकल वेस्ट है।
डॉ. पंकज शुक्ला, एक्सपर्ट व पूर्व डायरेक्टर एनएचएम

हम सभी नियमों का पालन कराते हुए इंसीनरेटर में ही दवाएं देते हैं। इस पूरे मामले को मैं दिखवाता हूं। जरूरत पड़ने पर जांच कराई जाएगी। हम अस्पताल प्रबंधन की ओर से एफआईआर कराएंगे।
डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल