मध्य प्रदेश के हनीट्रेप मामले में जुड़े मानव तस्करी के आरोपित हुए बरी

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 भोपाल। भोपाल के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले से जुड़े मानव तस्करी के मामले में आरोपित श्वेता विजय जैन, आरती दयाल और अभिषेक को दशम अपर सत्र न्यायाधीश पल्लवी द्विवेदी ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। बता दें कि सीआइडी ने वर्ष 2019 में भारतीय दंड विधान की धारा 370, 370 ए और 120बी में प्रकरण पंजीबद्ध किया था। इन पर मार्च-अप्रैल 2019 में राजगढ़ और भोपाल में मानव तस्करी और यौन शोषण के आरोप थे।

न्यायालय ने अपने फैसले में माना कि मामले में ऐसा कुछ नहीं है, जिसके आधार पर आरोपितों को दोषी ठहराया जा सके। अभियोजन पक्ष आरोपितों के खिलाफ मामला साबित करने में विफल रहा है।

पीड़िता ने यह भी कहा है कि उसने अपने पिता को उक्त तथ्यों और परिस्थितियों के बारे में सूचित नहीं किया था। पीड़िता की गवाही असंगत और परस्पर विरोधाभासी है।

अभियोजन पक्ष इस संबंध में कोई भी सबूत नहीं दे सका कि हनी ट्रैप मामले की जांच के दौरान स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को एक युवती की खरीद फरोख्त की जानकारी मिली थी।

इसके बाद सीआइडी भोपाल ने पीड़िता की शिकायत पर मानव तस्करी का एक अन्य केस दर्ज किया था। 27 दिसंबर 2019 को तीनों आरोपित अभिषेक, आरती और श्वेता के खिलाफ चालान पेश किया गया था और पीड़िता के साथ 17 गवाहों की सूची पेश की गई थी।