अमेरिका में पुलिस की सख्ती के बावजूद फिलिस्तीन के समर्थन में छात्र आंदोलन जारी है। अमेरिकी मीडिया हाउस न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अब तक 30 यूनिवर्सिटीज से 1300 से ज्यादा छात्र गिरफ्तार हो चुके हैं।बुधवार को यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स ने आदेश दिया है कि प्रदर्शनकारी छात्र या तो कैंपस छोड़ दें या गिरफ्तारी के लिए तैयार रहें।
हालांकि, छात्र चश्मे, मास्क और हेलमेट पहनकर अपनी जगहों पर डटे हैं। पुलिस की गाड़ियों और बैरिकेडिंग ने यूनिवर्सटी कैंपस को घेरा हुआ है। आसमान में पुलिस के हेलिकॉप्टर गश्त कर रहे हैं। देर रात प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़प भी हुई। इस दौरान कई सौ छात्र गिरफ्तार हुए।
प्रदर्शनों के बीच सीजफायर की कोशिश
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद 7 बार मिडिल ईस्ट का दौरा किया है। अपने 7वें दौरे के आखिरी दिन बुधवार (1 मई) को ब्लिंकन ने हमास से मांग की है कि वे सीजफायर डील को स्वीकार करें।
तेल अवीव में इजराइली राष्ट्रपति हेर्जोग से मुलाकात के दौरान ब्लिंकन ने कहा, ‘हम जल्द से जल्द सीजफायर के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि सभी इजराइली बंधक घर लौट सकें। हमास इसमें रुकावट पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने प्रस्ताव दिया है, इसे स्वीकार करने का समय अभी है।’
प्रस्ताव में क्या है?
अमेरिकी मीडिया हाउस न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इजराइल-हमास जंग रुकवाने को लेकर प्रस्तावित सीजफायर डील में शुरुआत में 33 इजराइली बंधकों को छोड़ने की मांग की है। इसके बदले में इजराइल अपनी जेलों में कैद फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। साथ ही, इजराइल गाजा में भी अपने हमलों को रोकेगा।
हमास के प्रवक्ता ओसामा हमदान ने बुधवार रात लेबनान के टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में इस डील को स्वीकार नहीं करने की बात कही थी। हालांकि, बाद में हमास के प्रेस ऑफिस ने एक बयान जारी कर कहा कि इस डील को लेकर उनका रुख नकारात्मक है, वो फिर भी उस पर बातचीत करने को तैयार हैं।
डील के लिए बाइडेन क्यों परेशान
हमास के मुताबिक जंग में अब तक 34 हजार लोगों की मौत हुई है। इसे लेकर अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में कई हफ्तों से प्रदर्शन हो रहे हैं। छात्रों की मांग है कि गाजा में छिड़ी लड़ाई में अमेरिका अपने दोस्त इजराइल का साथ न दे। PBS न्यूज के मुताबिक बाइडेन की इजराइल पॉलिसी से अमेरिका में साल के अंत में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर असर पड़ सकता है। वो यंग वोटर्स खो सकते हैं। ऐसे में बाइडेन बिना देरी के सीजफायर डील कराना चाहते हैं।
जंग को लेकर ब्लिंकन-नेतन्याहू के बीच 3 घंटे की मुलाकात
मिडिल-ईस्ट के दौरे पर जंग को लेकर ब्लिंकन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से 3 घंटे मुलाकात की। इसके बाद ब्लिंकन ने देर रात मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘अमेरिका गाजा के राफा इलाके में इजराइल के मिलिट्री ऑपरेशन का समर्थन नहीं करेगा। इसमें आम लोगों की जान को खतरा है। इजराइल हमें अभी तक राफा में सैन्य कार्रवाई को लेकर कोई ऐसा प्लान नहीं दिखा पाया है। जिसमें आम लोग की जान को नुकसान नहीं होगा।’
इजराइल के राफा प्लान की आलोचना करते हुए ब्लिंकन ने कहा, ‘हमास से निपटने के लिए कई और रास्ते हैं, जो मिलिट्री ऑपरेशन से काफी बेहतर हैं।’ वहीं, ब्लिंकन के मिडिल-ईस्ट दौरे से पहले नेतन्याहू ने चेतावनी दी थी कि इजराइल राफा में मिलिट्री ऑपरेशन चलाएगा । चाहे सीजफायर डील हो या नहीं।
राफा में ऑपरेशन को लेकर इतना जिद पर क्यों अड़ा इजराइल
इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) का दावा है कि गाजा के राफा इलाके में हमास की चार बटालियन मौजूद हैं और IDF इन्हें खत्म करके रहेगी। इजराइली सरकार और सेना दोनों का कहना है कि राफा के रिफ्यूजी कैम्प्स में सिविलियन्स के साथ हजारों हमास आतंकी मौजूद हैं और यहां से वो गाजा के दूसरे हिस्सों में जाकर इजराइली सेना पर हमले कर रहे हैं।
वहीं, एक अनुमान के मुताबिक- राफा में इस वक्त 14 लाख लोग हैं। इनमें ज्यादातर वो लोग हैं तो इजराइली ऑपरेशन शुरू होने के बाद गाजा के अलग-अलग हिस्सों से भागकर यहां पनाह लेने पहुंचे हैं। अगर इजराइली सेना ने यहां सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया तो इनके पास भागकर जाने के लिए कोई दूसरी जगह नहीं होगी।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश फॉरेन सेक्रेटरी लॉर्ड कैमरन ने नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की थी। दोनों नेताओं ने इजराइली प्रधानमंत्री से कहा था कि वो राफा में मिलिट्री ऑपरेशन न चलाए। इस पर इजराइली प्रधानमंत्री ने कहा था- कुछ लोग हमें ये सलाह दे रहे हैं कि राफा में हमले बंद किए जाएं। मैं उन्हें साफ बता देना चाहता हूं कि इस वक्त राफा पर हमले बंद करने का मतलब होगा कि इजराइल ये जंग हार जाए और ऐसा कभी नहीं होगा।