पाकिस्तान सरकार ने सोमवार (25 नवंबर) को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर एक विशेष न्यायाधिकरण को राजद्रोह के एक मामले में फैसला देने से रोकने की अपील की, जिसमें पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ शामिल हैं। यदि इस मामले में मुशर्रफ दोषी पाए गए, तो उन्हें मौत की सजा दी जा सकती है।
याचिका गृह मंत्रालय द्वारा दायर गई है, जिसके प्रमुख ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) इजाज शाह को मुशर्रफ का बेहद करीबी माना जाता है। सरकार ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से कहा है कि वह तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण को अपना फैसला सुनाने से रोके, जिसके 28 नवंबर को आने की उम्मीद है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि चूंकि मुशर्रफ देश में मौजूद नहीं है, इसलिए न्यायाधिकरण को उनके स्वस्थ्य होकर देश में वापस आने और मुकदमे का सामना करने तक इंतजार करना चाहिए। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मुशर्रफ एमायलॉयडोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित हैं, जो शरीर के अंगों और ऊतकों में एमाइलॉइड नामक एक असामान्य प्रोटीन के बनने से होती है। न्यायालय इस याचिका पर मंगलवार (26 नवंबर) को सुनवाई करेगा।
न्यायाधिकरण ने 2007 में आपातकाल की घोषणा करने के लिए मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह के मामले में 19 नवम्बर को सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। स्व-निर्वासन में दुबई में रह रहे मुशर्रफ ने भी लाहौर उच्च न्यायालय में शनिवार को विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी है और उनके मामले की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की।