अपने अंदर डर को कभी पनपने न दें, पराजय से कभी हार न माने : पवन सिन्हा 

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इन्दौर । मध्य भारत की अग्रणी प्रबंध एवं तकनीकी शिक्षण संस्थान का तीन दिवसीय रजत जयंती समारोह की भव्य शुरुआत आज संसथान के स्किम न 74 स्थिर प्रेस्टीज विहार परिसर में शिक्षा, आध्यात्मिक,कॉर्पोरेट एवं आर्थिक जगत की जानी मानी हस्तियों के बीच हुई। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश विदेश के प्रतिष्ठित एवं चुनिंदा  वक्ता एवं अतिथि विभिन्न विषयों पर संस्थानके छात्रों से साझा करेंगे। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि  ख्यातिप्राप्त आध्यात्मिक गुरु, शिक्षाविद एवं पवन चिंताधारा, नई दिल्ली के संस्थापक पवन सिन्हा ने छात्रों से कहा कि अपने अंदर डर को कभी पनपने न दें, पराजय से कभी हार न माने तथा निरंतर प्रयास करते रहे क्योंकि आवेगी रवैया मनुष्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि जीवन में प्रतिष्ठा का बहुत महत्व है, अगर आप अपने परेशानियां किसी अनुभवहीन के साथ बाँटते हैं तो आपका नुक्सान ही होगा। किसी को दोष देने से सफलता हमें कभी नहीं मिलेगी। अपनी इच्छशक्ति को मजबूत करते रहिये और आपकी मंज़िल आपको  मिलती  जायेगी। 
:: `एक अच्छे समाज का निर्माण शिक्षा के द्वारा ही संभव :: 
विजय लक्ष्मी ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज मुंबई के ग्रुप चेयरमेन शांन्तिलाल कँवर ने अपने उद्बोधन में प्रेस्टीज प्रबंध  संस्थान के 25 वर्ष पुरे होने पर प्रेस्टीज शिक्षण समूह को बधाई देते हुए कहा  कि अच्छी शिक्षा मिलना समाज की जरुरत है पर एक अच्छे समाज का निर्माण शिक्षा के द्वारा ही संभव है।  प्रेस्टीज शिक्षण समूह की अपार सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस अद्वितीय सफलता के पीछे समूह के संस्थापक डॉ नेमनाथ जैन तथा उनके सुपुत्र डॉ डेविश जैन एवं डिपिन जैन का  अथक प्रयास रहा है।
इस अवसर पर शांतिलाल कँवर को उनके द्वारा सामाजिक बदलाव में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़  मैनेजमेंट एंड रिसर्च के डायरेक्टर इंचार्ज डॉ आर के शर्मा द्वारा पीआईएमआर सोशल रिफॉर्मर पुरस्कार प्रदान किया गया। उद्घाटन समारोह में उपस्थित आउटलुक पत्रिका के प्रकाशक संदीप घोष ने भी अपने विचार रखे। उन्हें संस्थान द्वारा आई एम् आर आउटस्टैंडिंग मीडिया पर्सनालिटी के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सिल्वर जुबली समारोह की शुरुआत प्रेस्टीज पब्लिक स्कूल के छात्र छात्राओं द्वारा प्रस्तुत गणेश वन्दना के साथ हुई। प्रेस्टीज एजुकेशन सोसाइटी के उपाध्यक्ष, डॉ डेविश जैन ने अपने उद्बोधन प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान द्वारा पिछले 25 वर्षों के उपलब्धियों का जिक्र करते हुए संसथान के सफर, संघर्ष, सफलताएं और उसके उज्जवल भविष्य से जुडी एक भव्य कविता का वाचन किया। उद्घाटन सत्र के प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च की डायरेक्टर डॉ योगेश्वरी फाटक ने कहा कि  "एक छोटी शुरुवात से यहाँ तक का सफर बहुत ही रोमांचक रहा।  वर्ष 1994 में 120 स्टूडेंट्स के साथ की गयी शुरआत, आज हमारे साथ 5000  छात्र तथा  ग्रुप के विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में 10,000 से अधिक छात्र छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रेस्टीज प्रबंध संस्थान में निति आयोग के सहयोग से अटल इन्क्यूबेशन सेंटर की भी स्थापना की गई है जिसके माध्यम से हम एंट्रेप्रेनुएरशिप से जुडी प्रतिभाओं को मौका दे रहे हैं।  उन्होंने कहा कि प्रेस्टीज समूह अपने शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से शिक्षा के विभिन्न आयामों से छात्रों को परिचय करा रहे हैं ताकि वो ज्यादा से ज्यादा सिख सकें। कार्यक्रम में डॉ. डेविश जैन तथा कॉर्पोरेट लेखक प्रकश बियानी के बीच  एक चर्चा सत्र का भी आयोजन किया गया। 
:: डॉ. नेमनाथ जैन की पुस्तक 'नाइदर ट्राइड नार रिटायर्ड' का विमोचन :: 
इस अवसर पर प्रेस्टीज शिक्षण संस्थान एवं प्रेस्टीज समूह के संस्थापक डॉ. नेमनाथ जैन द्वारा लिखित पुस्तक 'नाइदर ट्राइड नार रिटायर्ड' (Neither Tried Nor Retired) पुस्तक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। डॉ. जैन के जीवन पर लिखित इस पुस्तक की 5000 प्रतियां संस्थान के छात्रों के बिच वितरित की जाएगी।
:: छात्र साई बाबा के सिद्धांतों का पालन करें : जी. चंद्रशेखर :: 
उद्घाटन समारोह के तकनिकी सत्र में 'इंडिआज़ इकनोमिक डेवलपमेंट : रोड अहेड' विषय पर आयोजित व्याख्यान में वरिष्ठ अर्थशास्त्री एवं पत्रकार जी. चंद्रशेखर ने कहा कि भारत युवा आबादी वाला एक प्राचीन देश है। निवेश हमारे देश को विकसित कर सकता है तथा प्रेस्टीज संसथान वैश्विक नागरिक विकसित करने में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकता है।  उन्होंने कहा कि परिसर में हर एक छात्र माता-पिता के लिए अच्छा करने के लिए असाधारण भाग्यशाली है, इसलिए हमारा यह कर्तव्य होना चाहिए कि जब हम बाहर जाएं तो उन लोगों के बारे में सोंचें जो वंचित हैं।  छात्रों को साईं बाबा के सिद्धांतों का पालन करना होगा। समाज के लिए प्रतिबद्ध रहें और धैर्य से कार्य करें क्योंकि जीवन एक तात्कालिक कॉफी मशीन नहीं है, इसमें लम्बे धैर्य की आवश्यकता है। इस अवसर पर श्री चंद्रशेखर को कृषि एवं व्यापार पत्रकारिता में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए  पीआईएमआर अग्रि इको जर्नलिज्म अवार्ड प्रदान किया गया।  
:: विमुद्रीकरण की पश्चात 25 लाख डिजिटल अर्थ व्यस्था में वृद्धि :: 
अर्थक्रांति फाउंडेशन के संस्थापक, वरिष्ठ अर्थशास्त्री अनिल बोकिल ने विमुद्रीकरण पर चर्चा करते हुए कहा कि विमुद्रीकरण की पश्चात 25 लाख डिजिटल अर्थव्यवस्था बढ़ी है। विमुद्रीकरण को भारत के हित में बताते हुए उन्होने कहा की  यह एक घटना नहीं बल्कि एक प्रक्रिया है। देश में आर्थिक दर 8 % से 5 % हो जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा  कि अर्थव्यवस्था स्रोतों का विज्ञान है और पारिस्थितिकी संसाधनों का एक स्रोत है। इस अवसर पर श्री बोकिल को को पी आई एम् आर  रेवोलुशनरी इकनोमिक मूवमेंट अवार्ड से पुरस्कृत किया गया।
:: मंथन में प्रेस्टीज के छात्रों ने अपनी कला, प्रतिभा का प्रदर्शन किया :: 
रजत जयंती समारोह के साथ तीन दिवसीय मंथन कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। कार्यक्रम के पहले दिन छात्रों को स्वयं को तलाशने और एक दूसरे के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अलग-अलग तरह की गतिविधियों के आयोजन में भाग लिया, जिसमें नाटक प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता, प्रतिभा शिकार, राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता, कोड मुकाबला, मॉक ट्रेडिंग, डेविल्स एडवोकेट जैसी गतिविधियां थीं। नेशनल डांस कम्पटीशन में दर्शकों को विभिन्न नृत्य शैलियों को देखने का मौका, भारतीय, पाश्चात्य, हिप हॉप, हर परफॉरमेंस के पश्चात दर्शकों का उत्साह देखने लायक था।