छात्रा के पिता ने  स्कूल  प्रबंधक से की पांच लाख की मांग 

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बिलासपुर । आज ह्यश्च कार्यालय में अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया। शिक्षा विभाग  के निर्देश पर और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर सरकंडा स्थित ड्रीमलैंड स्कूल में कृमि मुक्ति की दवा पिलाने का आयोजन हुआ था,जहां नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को नियमानुसार दवा की खुराक पिलाई गई, जिसमे स्कूल में पढऩे वाली एक छात्रा के पिता ने स्कूल प्रबंधन को एक नोटिस भेज कृमि मुक्ति की दवा खिलाने के बाद छात्रा के अस्वस्थ होने का हवाला देते हुए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपये देने की मांग की गई,जिसकी शिकायत आज स्कूल प्रबंधन के द्वारा पुलिस कप्तान से की गई। 
मिली जानकारी के अनुसार सरकंडा नूतन चौक समीप बंधवापारा अरविंद नगर स्थित ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल की संचालक निवेदिता सरकार ने पुलिस कप्तान को ज्ञापन सौंपते हुए जानकारी दी कि राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित उनका स्कूल पिछले 27 वर्षों से संचालित हो रहा है,इसी दौरान इस साल के जुलाई महीने में उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक पत्र प्राप्त हुआ था,जिसमें 8 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर हर बार की तरह स्कूल के बच्चों को कृमि मुक्ति की दवा पिलाने का आदेश हुआ था,शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त आयोजन का क्रियान्वयन 8 अगस्त को ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल में भी हुआ और यहां नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को नियमानुसार दवा की खुराक पिलाई गई,इसके बाद 2 सितंबर 2019 को ड्रीमलैंड स्कूल की कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा संस्कृति साहू के पिता रजनीश साहू द्वारा अपने वकील के माध्यम से स्कूल प्रबंधन को एक नोटिस भेजा गया जिसमें कृमि मुक्ति की दवा खिलाने के बाद संस्कृति साहू के अस्वस्थ होने का हवाला देते हुए स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहरा मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपये देने की मांग की गई,हैरानी तो इस बात की है कि इस अभियान का संचालन शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने किया था लेकिन ठीकरा ड्रीमलैंड स्कूल के सर फोड़ा जा रहा है,इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करते हुए स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्रा के पिता रजनीश साहू को लिखित में जवाब दिया जा चुका है और यह भी बताया गया कि यह आयोजन पूर्ण रूप से शासकीय आयोजन था,जिसका संचालन स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग द्वारा किया गया था,वही स्कूल प्रबंधन द्वारा इसकी लिखित शिकायत ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को भी दी जा चुकी है लेकिन इसके बाद भी छात्रा के पिता रजनीश साहू लगातार ड्रीमलैंड स्कूल प्रबंधन को धमका रहे हैं और उनसे लगातार पांच लाख रुपये की मांग की जा रही है। यहां तक धमकी दी जा रही है कि अगर रजनीश साहू को यह रकम ना दी गयी तो स्कूल की मान्यता रद्द करवा दी जाएगी, साथ ही रजनीश साहू द्वारा स्कूल में जबरन घुसकर महिला प्राचार्य और स्कूल स्टाफ से दुव्र्यवहार किया जा रहा है
संस्कृति साहू के पिता रजनीश साहू की हरकतों से स्कूल और स्कूल का स्टाफ शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताडि़त है और इसी के चलते स्कूल के अध्यापक और अध्यापन कार्य के भी प्रभावित होने का हवाला दिया जा रहा है,प्राचार्या निवेदिता सरकार ने पुलिस कप्तान को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि रजनीश साहू एक आदतन अपराधी है और भयादोहन करना उसकी पुरानी आदत है,उसके खिलाफ शहर के अलग-अलग थानों में कई अपराध दर्ज है,पूर्व में कलेक्टर की फर्जी सील बनाने के मामले पर बिलासपुर आईजी के निर्देश पर सरकंडा थाना में मामला पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार किया गया था जिसपर उसने जेल की हवा भी खाई है,लेकिन इस मामले में उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही ना होने से उसके हौसले बुलंद हैं और वह ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल संचालक को लगातार परेशान कर रहा है,अपने ही स्कूल की छात्रा और उसके पिता से प्रताडि़त होने का यह अनोखा मामला है,पर चूंकि आरोपी पूर्व में भी इस प्रकार के मामलों में शामिल रह चुका है,और भयादोहन करना उसकी  आदत में है तो फिर पुलिस को उसके खिलाफ कार्यवाही करनी ही चाहिए ताकि और बच्चों पर इसका प्रभाव ना पड़े,बरहाल पुलिस ने इस आरोपी के खिलाफ धारा 341,385 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है।