हरदा. सभी धर्म एक समान हैं. इस तथ्य को हरदा में सिख समाज (Sikh Community) ने भाईचारे का उदाहरण देकर एक बार फिर साबित किया. सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव (Guru Nanak Dev) के 550वें प्रकाश पर्व (Prakash Parv) से पहले हरदा के सिख समाज ने कौमी एकता (Communal unity) का अद्भुत उदाहरण सबके सामने रखा. रविवार को सिख समाज के लोगों ने मदरसे में जाकर बच्चों के साथ ईद-मिलादुनबी (Eid Miladun Nabi) का त्योहार मनाया. शहर के 12 बंगला स्थित जामिया अरबिया मदीनातुल उलूम मदरसे में सिख समाज ने मुस्लिम बच्चों के बीच हजरत मोहम्मद साहब का यौमे-पैदाइश (जन्मदिवस) मनाया. इस मौके पर सिख समाज के लोगों ने मदरसे के बच्चों को नान बिस्किट बांटकर खुशियां मनाई.
दोनों धर्मों के गुरुओं ने बच्चों को दी जानकारी
मदरसे में आए सिख समाज के लोगों को मुस्लिम समाज ने बच्चों को दी जाने वाली तालीम शिक्षा की जानकारी दी. इस मौके पर दोनों धर्मों के गुरुओं ने बच्चों को नैतिक शिक्षा की बातें बताईं और इंसानियत को सबसे ऊंचा बताया. सिख समाज के लोगों ने कहा कि एक दिन बाद गुरुनानक देवजी का 550 प्रकाश पर्व है. इससे पहले मुस्लिम भाइयों के हजरत पैगंबर का जन्मदिन भी है. इसलिए वे मदरसे में आए हैं, ताकि दोनों धर्मों के लोग मिलकर पवित्र दिन एक साथ मनाएं. हरदा सिख समाज की गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी सुरेंद्र सिंह खनूजा ने बताया कि सिख धर्म में भी लिखा है कि अव्वल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे यानी सभी मानव एक ही हैं, इसलिए हम ईद-मिलादुनबी के मौके पर मदरसे में आए हैं.
मदरसा में सिख समाज का हुआ स्वागत
इससे पहले सिख समाज के लोगों का मदरसे में स्वागत किया गया. मदरसे के संचालक नुरिल्लाह काजमी ने बताया कि सिख समाज के लोग पैगंबर साहब की पैदाइश पर आए हैं. उन्होंने यह देखा कि मदरसे में किस तरह से तालीम दी जाती है. सिख समाज के लोगों ने इस मौके पर बच्चों को नाश्ता भी बांटा, जिससे बच्चे बेहद खुश हुए. काजमी ने कहा कि समाज में भाईचारा कायम रखना हम सब की जिम्मेदारी है. हम सभी धरती पर आए हैं, इसलिए एक-दूसरे का भरोसा बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी है.