महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की खींचतान के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं मध्यस्थता के लिए तैयार हूं.
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की खींचतान के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो मैं मध्यस्थता के लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा कि शिवसेना के साथ हमने कभी भी मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर बातचीत नहीं हूई थी. ढाई-ढाई साल सीएम पद का कोई वादा नहीं किया गया था. सीएम पद तो बीजेपी के पास ही रहेगा.
नितिन गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में सरकार बनेगी. हमने शिवसेना के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा और हम ही सरकार बनाएंगे. उन्होंने कहा कि बाला साहेब के समय भी सीएम पद को लेकर खींचतान हुई थी, तब हमने तय किया था कि जिसके सबसे अधिक विधायक होंगे, सीएम पद उसके ही खाते में जाएगा.
विधायक की खरीद-फरोख्त नहीं
विधायकों के खरीद-फरोख्त पर नितिन गडकरी ने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद है. हम कभी भी विधायकों की खरीद-फरोख्त के पक्ष में नहीं है. हम तैयार हैं, शिवसेना को सकारात्मक सोचना चाहिए. महाराष्ट्र की जनता के हित में फैसला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार बनाने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या मोहन भागवत की कोई भूमिका नहीं है.
महाराष्ट्र लौटने का सवाल नहीं
इससे पहले महाराष्ट्र में सरकार गठन पर गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि जल्द फैसला हो जाएगा. देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनेगी. इस मामले से आरएसएस और मोहन भागवत का कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरा सीएम बनने का सवाल ही नहीं है. मैं दिल्ली में ही रहूंगा.