तूफान की दस्तक से सहमा गुजरात, 120 की रफ्तार से चल सकती है हवा

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अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान 'महा' अब और अधिक शक्तिशाली हो गया है. इसी वजह से गुजरात में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ ही मछुआरों को समुद्र में ना उतरने की सलाह भी दी गई है.
गुजरात के तटीय इलाके की तरफ एक तूफान तेजी से बढ़ रहा है. अरब सागर में उठे इस चक्रवात का नाम 'महा' रखा गया है. इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी में भी एक नया चक्रवाती तूफान बुलबुल बनता हुआ दिखाई दे रहा है. बुलबुल इस साल का 7वां चक्रवाती तूफान होगा.

और अधिक शक्तिशाली हुआ 'महा'

अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान 'महा' अब और अधिक शक्तिशाली हो गया है . इसी वजह से गुजरात में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ ही मछुआरों को समुद्र में ना उतरने की सलाह भी दी गई है. मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान 'महा' के कारण उत्तर कोंकण और गुजरात में आंधी के साथ तेज बारिश होगी.
तेज हवा के साथ हो सकती है भारी बारिश

मौसम विभाग का मानना है कि 6 नवंबर की रात या 7 नवंबर की सुबह चक्रवात 'महा' गुजरात के पोरबंदर और दीव के बीच समुद्री तट से टकरा सकता है. इस दौरन वहां 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. तेज हवाओं के साथ-साथ ही तटीय इलाकों में भारी बारिश की आशंका भी जताई जा रही है . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह अधिकारियों के साथ बैठक की और चक्रवात 'महा' की स्थिति के साथ उससे निपटने के लिए तैयारियों का जायजा भी लिया.

बुलबुल कहां करेगा हिट

यह भारत के पूर्वी तटों को प्रभावित करने वाला है. लेकिन इसके हिट करने की लोकेशन का अभी सटीक अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता है. हालांकि अधिक संभावना ओडिशा या उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटीय भागों पर इसके लैंडफॉल के संकेत अभी मिल रहे हैं.

कैसे तय होती है तूफान की दिशा

अक्टूबर में अगर कोई तूफान बंगाल की खाड़ी में विकसित होता है तो उसके पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश की तरफ जाने की संभावना रहती है जबकि नवंबर में बनने वाले तूफान आंध्र प्रदेश और ओडिशा का रुख करते हैं जबकि दिसंबर में विकसित होने वाले चक्रवाती तूफान तमिलनाडु को भिगोते हैं.

सातवां चक्रवाती तूफान बनेगा बुलबुल!

बंगाल की खाड़ी में पाबुक और फोनी के बाद साल 2019 का यह तीसरा चक्रवाती तूफान होगा. पाबुक जनवरी के पहले सप्ताह में बना था और यह अंडमान व निकोबार द्वीप समूह पर बारिश देने के बाद रास्ता बदलकर म्यांमार चला गया था. जबकि मई में तूफान फोनी ने ओडिशा को बुरी तरफ प्रभावित किया था. उसके बाद कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल भी इसकी चपेट में आया था.

दूसरी ओर अरब सागर में इस साल चार तूफान (वायु, हिक्का, क्यार और महा) बन चुके हैं. इस तरह संभावित तूफान बुलबुल भारतीय उप-महाद्वीप में साल 2019 का 7वां तूफान होगा. 2018 में कुल 7 तूफान आए थे. इसकी बराबरी होना तो लगभग तय है. उम्मीद यह भी है कि 7 का आंकड़ा पार हो जाए. अगर खाड़ी में तूफान विकसित होता है तो तटीय आंध्र प्रदेश और ओडिशा में 9 से 12 नवंबर के बीच भीषण बारिश देखने को मिलेगी.