केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने का कोई सवाल नहीं उठता, चाहे उनके बिना ही सरकार बनानी पड़े. बीजेपी-आरपीआई मिलकर सरकार बनाएगी. इसके अलावा एनसीपी का समर्थन लेना पड़े तो हम समर्थन लेने को तैयार हैं.
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच बीजेपी की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) ने सरकार बनाने का फॉर्मूला सुझाया है. केंद्रीय मंत्री और आरपीआई के अध्यक्ष रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने का कोई सवाल नहीं उठता, चाहे उनके बिना ही सरकार बनानी पड़े. बीजेपी-आरपीआई मिलकर सरकार बनाएगी.
अठावले ने कहा कि सरकार बनाने के लिए अगर एनसीपी का समर्थन लेना पड़े तो हम साथ लेने को तैयार हैं. इसके अलावा उन्होंने दावा किया है कि दूसरी पार्टियों के विधायक भी हमको समर्थन देने के लिए तैयार हैं. इसके बावजूद अगर सरकार नहीं बनती तो हम लोग चुनाव में जाने को भी तैयार हैं.
रामदास अठावले का कहना है कि सरकार तो बननी चाहिए लोकतंत्र में जिस पार्टी को सिंगल लार्जेस्ट पार्टी होती है, उसको सरकार बनाने का न्योता देने का राज्यपाल का अधिकार होता है . बीजेपी के पास बाकी पार्टियों के विधायकों को मिलाकर संख्या 120 पहुंच रही है. ऐसे में हमें बहुमत के लिए 25 विधायकों की संख्या कम पड़ रही है.
अठावले ने कहा कि शिवसेना ने सीएम पद की मांग करके खामखा सरकार गठन में पेच फंसा रही है. जबकि बीजेपी उन्हें डिप्टी सीएम पद के साथ 16-17 मंत्री पद देने के लिए तैयार है. इसके बावजूद शिवसेना अपनी शर्तों पर अड़ी हुई है. महाराष्ट्र में कुल 56 मंत्री बनाए जा सकते हैं.
आरपीआई प्रमुख ने कहा कि अगर हम बहुमत साबित नहीं करते हैं तो राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है. महाराष्ट्र की जनता ने भी कहा है कि शिवसेना बीजेपी सहयोगी मिलकर सरकार बनाएं, लेकिन शिवसेना बार बार मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है.
अठाबले ने कहा कि शिवसेना को याद दिलाना चाहते हैं कि 1995 में जब शिवसेना बीजेपी सरकार आई थी तो शिवसेना की ज्यादा सीटें थी तो आपका 5 साल मुख्यमंत्री रहा था. बीजेपी ने कभी नहीं बोला कि हमको मुख्यमंत्री दीजिए. अमित शाह के साथ जो चर्चा हुई थी उसमें कोई ढाई ढाई साल को लेकर मुख्यमंत्री की बात नहीं थी. सत्ता में भागीदारी मिलनी चाहिए यह बात उनके साथ हुई थी. उसी के मुताबिक उन्हें सत्ता में हिस्सा दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि शिवसेना साथ नहीं आती है तो हम सरकार बना सकते हैं. राज्यपाल को बोला है कि अगर शिवसेना हमारे साथ नहीं आती है और वह कांग्रेस और एनसीपी के साथ कोशिश होती है तो उसमें उन्हें सफलता मिलेगी नहीं. इसमें शिवसेना का ही नुकसान होगा और सरकार भी नहीं चल पाएगी.
बता दें कि आरपीआई महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी दल है. विधानसभा चुनाव में आरपीआई ने अपने प्रत्याशियों को बीजेपी के चुनाव निशान पर मैदान में उतारा था. आरपीआई को पांच विधानसभा सीटें मिली थी. रामदास अठावले राज्यसभा सदस्य हैं और मोदी सरकार में मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों वाले विधानसभा में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली हैं. वहीं, 13 निर्दलीय भी जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे हैं. सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 145 विधायक चाहिए. बीजेपी-शिवसेना के विधायकों की संख्या मिलाकर बहुमत का आंकड़ा आसानी पूरा होता है, लेकिन सीएम पद पर दोनों के अड़ जाने के चलते सरकार गठन नहीं हो पा रहा है.