इन्दौर । श्रीमद भागवत पुराण भारतीय धर्म और संस्कृति का ऐसा विश्व कोष है जो बरसों से हिंदू समाज की धार्मिक, सामाजिक एवं लौकिक मर्यादाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता आ रहा है। यह हिंदू समाज का सर्वाधिक वंदनीय और पूजनीय ग्रंथ है जिसमें वेदों, उपनिषदों एवं दर्शन शास्त्र के विभिन्न आयामों को बहुत सरलता के साथ निरूपित किया गया है।
साऊथ तुकोगंज स्थित नाथमंदिर पर आज से प्रारंभ श्रीमद भागवत सप्ताह में धर्मसभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रम्हचारी निरंजनानंद श्री धनंजय शास्त्री वैद्य ने उक्त दिव्य विचार व्यक्त किए। आज कथा के पहले दिन भक्ति आख्यान, धुंधकारी-परीक्षित आख्यान, शुकदेव आगमन आदि प्रसंगों का वर्णन किया गया। कथा शुभारंभ के पूर्व नाथ मंदिर परिसर में श्रीमद भागवत ग्रंथ की शोभायात्रा निकाली गई जिसमें श्री माधवनाथ महाराज के अनुयायी भी शामिल हुए। श्री नाथ मंदिर संस्थान के न्यासी बाबा महाराज तराणेकर, उत्सव प्रमुख मनीष ओक, सचिव संजय नामजोशी आदि ने शास्त्रीजी का परिचय दिया। नाथ मंदिर पर शास्त्रीजी प्रतिदिन सांय 5 से 8 बजे तक भागवत कथामृत की वर्षा करेंगे। कथा में अंतुर्ली महाराष्ट्र से माधवनाथ महाराज के अनुयायी एवं सत्यनाथ महाराज के अनन्य शिष्य मनोहरदेव देवनाथ महाराज भी आए हैं। प्रातःकालीन सत्र में सुबह 8 से 10 बजे तक माधवनाथ महाराज के अनुयायियों द्वारा माधवनाथ दीप-प्रकाशग्रंथ का सात दिवसीय पारायण भी होगा।
नाथ मंदिर संस्थान द्वारा कार्तिक मास के उपलक्ष्य में पिछले 10 वर्षों से लगातार भागवत सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस बार 11वें आयोजन में ब्रम्हचारीजी के अनेक शिष्य बड़ौदा, नागपुर, नाशिक, अकोला, पुणे आदि शहरों से भी आ रहे हैं। कथा के पांचवें दिन 9 नवंबर को तुलसी विवाह का भव्य आयोजन भी होगा। मंगलवार 12 नवंबर को सुबह सत्यनारायण कथा, होम हवन एवं महाप्रसादी के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। सचिव संजय नामजोशी सहित ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने आम भक्तों से आयोजन का पुण्य लाभ उठाने का आग्रह किया है।