सतत मानव विकास में वानिकी का योगदान विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला 15 को 

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रायपुर। राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रायपुर में 14 से 15 अक्टूबर 2019 को भारतीय वन सेवा के उच्च अधिकारियों हेतु ‘‘सतत मानव विकास में वानिकी का योगदान’’ विषय पर दो दिवसीय अखिल भारतीय अनिवार्य प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में वन, पर्यावरण एवं आवास तथा परिवहन मंत्री, श्री मोहम्मद अकबर उपस्थित रहेंगे। प्रशिक्षण में देश के विभिन्न राज्यों तमिलनाडू, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, झारखण्ड, गुजरात, केरल, मणिपुर, मेघालय, मध्यप्रदेश, असम, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक तथा उड़ीसा राज्य के कुल 22 भारतीय वन सेवा के उच्च अधिकारी भाग ले रहे है। कार्यशाला में वानिकी संबंधी महत्वपर्ण तकनीकी सत्रों के साथ-साथ प्रदेश में वानिकी के क्षेत्रा में किए जा रहे नवाचारों तथा छत्तीसगढ़ शासन की अतिमहत्वपूर्ण योजना ‘‘छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी – नरवा, गरूवा, घुरवा बाडी- ऐला बचाना है संगवारी’’ का अध्ययन भी कराया जाएगा।  
कार्यशाला का उद्घाटन प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) निदेशक श्री मुदित कुमार सिंह द्वारा किया गया। कार्यशाला में प्रथम दिवस, तकनीकी सत्र में सेवा निवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं सदस्य राज्य योजना आयोग डॉ के. सुब्रमणियम द्वारा ‘‘छत्तीसगढ में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन – अवसर एवं चुनौतियां’’, कार्यकारी निदेशक, छ.ग राज्य लघु वनोपज संघ बी. आनंद बाबू द्वारा ‘‘सतत मानव विकास हेतु स्वा सहायता समूहो के माध्यम से लघुवनोपज उत्पादों का मूल्य वर्धन’’ विषय पर प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों ने छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित संजीवनी मार्ट एवं प्रसंस्करण यूनिट, नया रायपुर में स्थित जंगल सफारी, म्यूजिकल फाउंटेन का भ्रमण किया। राज्य में वानिकी के क्षे़त्र में किए जा रहे नवाचार एवं विकास कार्यों की जानकारी दी गई।
कार्यशाला के दूसरे दिन तकनीकी सत्र में भारतीय जैव- सामाजिक शोध एवं विकास संस्थान, कलकत्ता के प्रोफेसर एस. बी राय द्वारा ‘‘सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु एकीकृत वन मोजेक लैण्डस्कैप प्रबंधन’’, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा द्वारा ‘‘छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी – नरवा, गरूवा, घुरवा बाडी- ऐला बचाना है संगवारी – छत्तीसगढ़ में सतत विकास हेतु एक अभिनव परियोजना’’, प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुदित कुमार सिंह द्वारा ‘‘ सतत मानव विकास में वानिकी का योगदान – राज्य जलवायु परिवर्तन कार्ययोजना एवं प्रमाणीकरण’’ तथा सेवा निवृत्त अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक  पी. सी मिश्रा द्वारा ‘‘स्थानीय स्वयंसेवी संस्थानों की वानिकी आधारीत सतत मानव विकास में भूमिका’’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कार्यशाला में तकनीकी सत्र में ’’सतत मानव विकास में वानिकी का योगदान एवं अनुशंसा’’ विषय पर चर्चा हेतु पैनल डिस्कशन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पैनल अध्यक्ष के रूप में अपर मुख्य सचिव, वन विभाग आर. पी मंडल, सह अध्यक्ष के रूप में सेवा निवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख डॉ. आर. के सिंह, पैनल विशेषज्ञ के रूप में सचिव माननीय राज्यपाल एवं संसदीय कार्य सोनमणी बोरा रहेंगे।