इन्दौर । शहर में लंबे अरसे बाद देश के जाने-माने कवियों और साहित्यकारों ने कल रात अग्रसेन चैराहा एवं प्रतिमा स्थल पर अग्रसेन यूथ क्लब की मेजबानी में अपनी रचनाओं से हजारों काव्य प्रेमियों को लगभग छह घंटों तक मंत्रमुग्ध बनाए रखा। इस अवसर पर महाराजा अग्रसेन का शानदार दरबार भी सजाया गया था। बड़ी संख्या में महिलाएं भी परिवार के अन्य सदस्यों के साथ इस मनोहारी दावत में शामिल रही। रात 9.30 से तड़के 3.30 बजे तक हजारों श्रोता इस दावत के इंद्रधनुषी रंगों का आनंद लेते रहे।
अग्रसेन यूथ क्लब द्वारा पिछले 3 दशकों से अग्रसेन जयंती के उपलक्ष्य में कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में बीती रात शहर के अपने राष्ट्र कवि पं. सत्यनारायण सत्तन के संचालन में दीप प्रज्जवलन के साथ इस बहुप्रतीक्षित दावत का शुभारंभ हुआ। समाजसेवी विनोद अग्रवाल, प्रेमचंद गोयल, दिनेश मित्तल, टीकमचंद गर्ग, विष्णु बिंदल, पी.डी. अग्रवाल महू, पवन सिंघानिया आदि के आतिथ्य में महाराजा अग्रसेन के दरबार का पूजन भी हुआ। सांसद शंकर लालवानी एवं पूर्व विधायक गोपीकृष्ण नेमा, अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंघल, यूथ क्लब के अध्यक्ष विवेक गोयल, सचिव हर्ष अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष अरविंद बागड़ी, संजय बांकड़ा, दिलीप मेमदीवाला, पार्षद शोभा गर्ग आदि ने मां सरस्वती का चित्र पूजन कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया।
स्वागत एवं पूजन आदि रस्मों के बाद जैसे ही पं. सत्तन ने कवि सम्मेलन के सूत्र संभालें, श्रोताओं ने करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया। सबसे पहले दिल्ली की डॉ. पदमिनी शर्मा ने सरस्वती वंदना के साथ अपनी मनोहारी आवाज में इस महफिल का शुभारंभ किया। ग्वालियर से आए पार्थ नवीन ने राष्ट्रभक्ति सहित विभिन्न विधाओं की रचनाओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया भी और देश भक्ति के रंग में सराबोर भी बनाए रखा। इस दौरान भारत माता की जयघोष भी होती रही। डॉ. पदमिनी शर्मा ने एक बार फिर श्रृंगार रस की रचनाओं से श्रोताओं को वाह-वाह करने पर बाध्य कर दिया। ग्वालियर से आए तेजप्रकाश शर्मा बैचेन ने छोटी-छोटी क्षणिकाओं को हास्य व्यंग्य में पिरोकर परोसा तो श्रोता भी खुलकर ठहाके लगाने पर बाध्य हो गए। दिल्ली से आई शायरा अना देहलवी पहले भी कई मंचों से इन्दौर में अपना सिक्का जमा चुकी हैं, कल रात भी उन्होंने अपनी श्रृंगार और उर्दू शायरी के रंग में रंगी रचनाओं से श्रोताओं को पूरे समय बांधे रखा। गीतकार डॉ. सुनील जोगी, पार्थ नवीन और इन्दौर के ही एकाग्र शर्मा ने भी अपनी रचनाओं से इस महफिल को नए आयाम देने की सफल कोशिशें की। बीच-बीच में सत्तनजी और अन्य कवियों के बीच नोंकझोंक का भी श्रोताओं ने भरपूर आनंद लिया। करीब 6 घंटे की इस महफिल में श्रोता पूरे समय कभी मंत्रमुग्ध बने रहे तो कभी खुलकर हास्य व्यंग्य की मस्ती में डूबे रहे। देशभक्ति के साथ मनोरंजन और मनोमंथन का यह सिलसिला पूरे छह घंटों तक निर्बाध चलता रहा और तड़के 3 बजे तक हजारों श्रोता पूरे समय डटे रहे। अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रयोग गर्ग, अतुल गर्ग, गोविंद सिंघल, ओमप्रकाश बंसल, विकास अग्रवाल, गौरव अग्रवाल, गोपाल अग्रवाल आदि ने भेंट किए।